रविवार, 30 दिसंबर 2012

रात ढलने से डर लगता है


रात ढलने से डर लगता है
मुझको तेरी यादों से डर लगता है
दिन के उजाले में
मैं जिंदगी को जी लेता हूँ
मगर रात की तन्हाई में
मुझे तेरी मोजुदगी से डर लगता है


हास्य कवि / शायर .....


(जयदेव जोनवाल )

कत्ल अपनों का नहीं करते


कत्ल अपनों का नहीं करते
वो दुनिया को लुट लेते है
वो बड़े शातिर है
महफूज़ रखते है
खुद के घर की अस्मत
और औरो के घर की इज्जत
को पैरो तले रोंद देते है


हास्य कवि / शायर .....


(जयदेव जोनवाल )

वक़्त और हालात पे मैं अब बात क्या करूँ


वक़्त और हालात पे
मैं अब बात क्या करूँ
मैं कहूँ किसे सही और किसे गलत
मैं अब लोगो की नियत का हिसाब क्या करूँ
लोग सच्चे है सभी
अब मैं उन्हें और बेनकाब क्या करूँ

हास्य कवि / शायर .....


(जयदेव जोनवाल )

घर एक ना बना मुझसे


घर एक ना बना मुझसे
और हज़ार घर टूट गये
जो की मैंने सच की तकरीर
कभी तो मुझसे मेरे अपने छुट गये


हास्य कवि / शायर .....


(जयदेव जोनवाल )

ये मोहब्बत के पल गुज़र जायेंगे

ये मोहब्बत के पल गुज़र जायेंगे
कल तुम और मैं फ़ना हो जायेंगे
वक़्त जितना भी है प्यार में जी लो
कल कहाँ ये पल लौटकर फिर आयेंगे


हास्य कवि / शायर .....


(जयदेव जोनवाल )

आखिरकार रेप -पीड़िता की
कानून तौर पर मौत की


पुष्टि कर दी गई
सवाल फिर सवाल रह गये

हिन्दुस्तान .......................?????


हास्य कवि / शायर .........

( जयदेव जोनवाल )


मंगलवार, 25 दिसंबर 2012

शहर बदल गया


शहर बदल गया
लोग बदल गए
जो वो कल निकली थी
घर से बन - सवरकर
तो लोगो के तेवर बदल गए
वो मासूम थी जिंदगी जीना चाहती थी
आज उसकी जिंदगी के मायने बदल गए


हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

लोगो के दिल में अब रहम तो नहीं


लोगो के दिल में अब रहम तो नहीं
कर के तार-तार एक मासूम की इज्जत को
दी उसे दर्द और बेबसी की सज़ा
अब दिल्ली के दिल में दिल तो नहीं


हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

तेरे होने से अच्छा तो कुछ भी नहीं


तेरे होने से अच्छा तो कुछ भी नहीं
तेरे ना होने पर अच्छा कुछ भी नहीं
मेरी नसो में दोड़ता है, तू लहू बनके
तेरे बिना अब मुझमे रवानगी नहीं


हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

तुम करो सितम तो सह लेंगे


तुम करो सितम तो सह लेंगे
हम तेरे प्यार में हर दर्द सह लेंगे
बस तेरा साथ मेरे जख्मो का मरहम है
जो गर हो तू साथ तो
हम हर दर्द में भी मुस्कुरा के जी लेंगे


हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

तेरी आहट से तुझे पहचान लेता हूँ


तेरी आहट से तुझे पहचान लेता हूँ
मैं तेरे चेहरे की रंगत पहचान लेता हूँ
तेरा मुझसे कुछ भी छुपाना ना- नामुमकिन सा है
मैं तेरे दिल की फितरत जान लेता हूँ


हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

तमाम उम्र गुज़र दी

तमाम उम्र गुज़र दी
मैंने तेरे इंतज़ार में
और तू आया
मेरे जनाज़े के साथ में
मैं जिन्दा रहकर कभी
तुझको ना पा सका
और तूने मुझे अपना बनाया
मेरे मरने के बाद में


हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012

बारिश में रोने की क्या बात है


बारिश में रोने की क्या बात है
तुझसे अपने आंसुओ को छुपाने की क्या बात है
जनता हूँ तुझको मैं रोता हूँ
अच्छा नहीं लगता
मगर तुझसे छुपकर तेरे लिए
रोने की क्या बात है


हास्य कवि / शायर .....

( जयदेव जोनवाल )

रोते हुए को हँसाना आसान तो नहीं

रोते हुए को हँसाना आसान तो नहीं
डूबते हुए को बचाना मुश्किल भी नहीं
करके क़त्ल औरो का लोग खुश होते है
मगर औरो की ख़ुशी के लिए
खुद को मिटा देना आसान भी नहीं


हास्य कवि / शायर .....

( जयदेव जोनवाल ) 

वक़्त गुज़र जाता है


वक़्त गुज़र जाता है
मगर वक़्त की टीस नहीं मिटती
बदल जाते है लोग और हालात अक्सर
मगर प्यार में उजड़ी हुई
दुनिया की फिर तस्वीर नहीं बदलती


हास्य कवि / शायर .......

(जयदेव जोनवाल )

मैं ना रहूँ तो उदास ना होना


मैं ना रहूँ तो उदास ना होना
मौत पे मेरी अपने आंसू बर्बाद मत करना
मैं धुल हूँ तेरे कदमो की
इस धुल में अपनी जिन्दगी को राख मत करना


हास्य कवि / शायर .......

(जयदेव जोनवाल )

लोग प्यार में रोते है

लोग प्यार में रोते है
लोग इंतज़ार में रोते है
लोग मिलकर है रोते है
लोग दूर होकर है रोते है
लोग हँसते है तो रोते है
लोग रोते है तो रोते है
ये कैसी जिन्दगी है
लोग हर बात पे रोते है


हास्य कवि / शायर .......

(जयदेव जोनवाल )

बुधवार, 19 दिसंबर 2012

आईना सच तो दिखलाता है

आईना सच तो दिखलाता है
जो है जैसा उसका वैसा दिखलाता है
मगर लोग कहा मानते है
इस आईने के सच को
जो अगर दिखाये आईना हकीकत
तो वो आईना तोड़ दिया जाता है



हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

हाथ छूने से डर लगता है


हाथ छूने से डर लगता है
तेरे सामने कुछ कहने से डर लगता है
यूँ तो ज़माना जनता है की मैं शायर हूँ
मगर मुझको तेरे सामने लब खोलने में डर लगता है


हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

वो रात भर आँसू बहाती रही


वो रात भर आँसू बहाती रही
उस बेवफा की याद में
खुद को जलाती रही
मगर ना बदल पाया उसका मुकद्दर
वो बेवजह यूँ ही हकीकत को झुठलाती रही


हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

वो रात भर आँसू बहाती रही


वो रात भर आँसू बहाती रही
उस बेवफा की याद में
खुद को जलाती रही
मगर ना बदल पाया उसका मुकद्दर
वो बेवजह यूँ ही हकीकत को झुठलाती रही


हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

दिल मिले ना मिले


दिल मिले ना मिले
तुम मुझपर एतबार तो करना
हम मिले ना मिले
तुम मेरा इंतज़ार तो करना
ये मोहब्बत है मेरी सिर्फ तुम्हारे लिए
सात फेरे ना सही
मगर तुम मुझसे थोडा प्यार तो करना

हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

तू मुझे हँसती हुई अच्छी लगती है

तू मुझे हँसती हुई अच्छी लगती है
तेरे करीब ये जिन्दगी अच्छी लगती है
अब गवारा नहीं है तुझसे ये दुरिया मुझको
अब तेरे साये में हर ख़ुशी सच्ची लगती है

हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

गुरुवार, 13 दिसंबर 2012

खुबसूरत तू बहुत है


खुबसूरत तू बहुत है
और ये मेरा दिल नाज़ुक बहुत है
तुझको पाना यूँ तो मेरी जिद है
मगर तुझको खो देने की मुझमे हिम्मत नहीं है


हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

वादा कर के तू ना आया


वादा कर के तू ना आया
कल रात तूने मुझे बहुत रुलाया
मैं जनता हूँ की
तू अक्सर अपने वादों को तोड़ देता है
मगर मेरा यूँ हमेशा तुझपे एतबार करना
मुझे आजतलक समझ ना आया


हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

रंगत गुलाब की कमाल है


रंगत गुलाब की कमाल है
अदा ये आपकी कमाल है
गुलाब फूल है और तू चाँद है
कर के क़त्ल एक का
दुसरे को मनाना
ये मोहब्बत भी कमाल है

हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

समंदर में गहराई तो है

समंदर में गहराई तो है
हाँ तेरी बातों में सफाई तो है
मैं तो डूब जाऊंगा
दोनों ही सूरतो में
वहाँ कुवा और यहाँ खाई है

हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

तेरे आने का इंतज़ार है

तेरे आने का इंतज़ार है 
तेरे जाने से ये दिल बेक़रार है 
करीब जो तू था 
तो बेचैनिया थी मेरे अन्दर 
और आज जो तू दूर है
मुझसे तो तेरा मुझपर इख्तियार है 

हास्य कवि/ शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

तेरे आने का इंतज़ार है

तेरे आने का इंतज़ार है 
तेरे जाने से ये दिल बेक़रार है 
करीब जो तू था 
तो बेचैनिया थी मेरे अन्दर 
और आज जो तू दूर है
मुझसे तो तेरा मुझपर इख्तियार है 

हास्य कवि/ शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

रविवार, 9 दिसंबर 2012

सितारों की महफ़िल हो तुम्हारे लिए


सितारों की महफ़िल हो तुम्हारे लिए
ये सारा जहाँ हो तुम्हारे लिए
तुम चाहो जो एक तारा
कभी तो ये आसमा हो तुम्हारे लिए
दुआओ में तुम हो।।।
है ये सारी खुशियाँ तुम्हारे लिए

कवि/ शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

आज है तो तुमको मना लेंगे


आज है तो तुमको मना लेंगे
शिकवे-शिकायते जितने भी है
सब मिटा लेंगे ...
खता आपकी हो या हमारी
हम ही खुद को झुका लेंगे
आज साथ है तो सब है
कल ना हुए तो क्या करेंगे


कवि/ शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

मेरे जाने के बाद तुम मुझको याद मत करना


मेरे जाने के बाद
तुम मुझको याद मत करना
मैं जो ना रहूँ
तो फिर फ़रियाद मत करना
मैं तेरा बुरा वक़्त था
ये समझकर भुला देना मुझे
मुझपर तुम और वक़्त खराब मत करना


कवि/ शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

तेरी बाँहों में जीने का मज़ा आता है


तेरी बाँहों में जीने का मज़ा आता है
भूलकर इस जहाँ को जन्नत का नशा आता है
तेरे आगोश में, मैं खुश हूँ बहुत
तुझसे अलग होके
अब नहीं जीया जाता है

कवि/ शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

भूलकर मुझको कहा जाओगे

भूलकर मुझको कहा जाओगे
तुम जहाँ भी जाओगे
बस मुझे ही पाओगे
मैं आईना हूँ तुम्हारा
हमेशा तुम्हारे साथ ही रहूँगा
तुम जब देखोगे खुद को
मुझे अपने सामने पाओगे

कवि/ शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

मंगलवार, 4 दिसंबर 2012

जुल्फ चेहरे से हटा लो की दीदार तो हो

जुल्फ चेहरे से हटा लो की दीदार तो हो
कर दो अब हम पे भी एक नज़र
की ख़तम ये इंतज़ार तो हो
दुरिया अब तो मिटे, ये ऐ -मेरे सनम
तीर अब तो ये दिल के पार हो 

दिल लगा के अब तुझको भुलाना आसान नहीं

दिल लगा के अब तुझको भुलाना आसान नहीं
नाम तेरा होठो पे लाके
अब तुझको इस दिल से मिटाना आसान नहीं
अब तो मेरा ये वजूद है तुझसे
अब तेरे बिना मैं मुकम्मल नहीं 

अपने आंसुओ में तेरी सूरत को देखा है

अपने आंसुओ में तेरी सूरत को देखा है
मैं जब भी रोया मैंने तेरी मोहब्बत को देखा है
मैं कमजोर तो नहीं हूँ
मगर मैंने तेरी चाहत में
खुद को अक्सर टूटते हुए देखा है 

हज़ार चेहरों में एक चेहरा कमाल है

हज़ार चेहरों में एक चेहरा कमाल है
जबसे देखा है उसे
इस दिल का बुरा हाल है
ये कैसी तड़प है - ऐ - मेरे खुदा
वो मुझको मिला भी नहीं ठीक से
और मुझे उसे खोने का डर है 

गुरुवार, 22 नवंबर 2012

खुवाब जलते- सुलगते रहे

खुवाब जलते- सुलगते रहे
हम तेरी याद में रातभर मचलते रहे
तू बेवफा है, ये बात इस दिल को गवारा ना हुई
हम सारी रात तेरी सफाई के सुबूत इकठ्ठा करते रहे 

दर मेरे यार का मेरी इबादत है

दर मेरे यार का मेरी इबादत है
वो खुदा की ये खुदा बड़ी मुश्किल है
उसको देखा भी नहीं और इसको देखा है
चल वो झूठा ही सही
पर ये तो हकीकत है 

मेरी खामोसी को सज़ा देती हो

मेरी खामोसी को सज़ा देती हो
तुम मुझे ना बोलू तो बेवफा कहती हो
मैं चुप हूँ तो सब खैरियत से है
जो अगर ये लब खोले
तो तुम बेपर्दा होती हो 

बुधवार, 21 नवंबर 2012

तेरे माथे पे सिकन अच्छी नहीं

तेरे माथे पे सिकन अच्छी नहीं
तुम मुस्कुराओ ये उदासी अच्छी नहीं
ये गम और ये ना-उम्मीदी के काफिले अब बहुत हुए
अब तुम्हारे रुख पे ये अमावस अच्छी नहीं 

तुम मेरी होके या नहीं ये तुमको पता है

तुम मेरी होके या नहीं
ये तुमको पता है
मैं तुम्हारा ही हूँ, ये ज़माने भर को पता है
तुम भले छुपा लो मुझे दुनिया की नज़र से
मगर मेरे हालात पे तेरा जिक्र लिखा है 

तुम मुझे प्यार करो तो मैं जी पाऊ

तुम मुझे प्यार करो तो मैं जी पाऊ
तुम मेरा साथ दो तो, मैं दो कदम चल पाऊ
तेरे बिना मैं कुछ भी तो नहीं हूँ
तुम अगर मेरी हो जाओ
तो मैं भी कुछ बन पाऊ

मेरी गलतियों को तुम माफ़ करना

मेरी गलतियों को तुम माफ़ करना
मेरा तुम ही इन्साफ करना
माना की गुनाह गहरे है, मेरे
मगर ऐ - दोस्त तुम ही
मेरे इस दर्द की दवा करना 

शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

मुझको बर्बाद भी किया तेरे इश्क ने

मुझको बर्बाद भी किया तेरे इश्क ने
मुझको आबाद भी किया तेरे इश्क ने
मेरा नाम भी हुआ तुझसे
और मुझे बदनाम भी किया तेरे इश्क ने 

फूल पत्थर पे नहीं खिलते

फूल पत्थर पे नहीं खिलते
लोग महफ़िल में नहीं मिलते
यूँ तो ज़माना भरा पड़ा है लोगो से
मगर जो इस दिल को भा जाए
वो लोग ढूंढने से भी कही मुझको नहीं मिलते 

दिल ना माना तो प्यार करना पड़ा

दिल ना माना तो प्यार करना पड़ा
जानता था मैं की तू फरेबी है
मगर फिर भी मुझे तुझपर एतबार करना पड़ा 

दिल को तोड़ने का अंजाम ये आंसू है



दिल को तोड़ने का अंजाम ये आंसू है 
तुझको प्यार करने का सिला ये आंसू है 
तेरे बिना जीना ज़रा मुश्किल था 
तो तेरी याद में यूँ तड़पके मरने का सिला 
ये मेरे आंसूं है।।।

ज़िन्दगी तेरे प्यार में अच्छी है


ज़िन्दगी तेरे प्यार में अच्छी है
जो तू है तो हर खुशी अच्छी है
अब तेरे बिन रह पाना ज़रा मुश्किल है
पास जो तू हो तो
 ये शाम की रौनके अच्छी है

सोमवार, 22 अक्टूबर 2012

मेरी सूरत पे ना जाना, मैं शिरत का भला हूँ


मेरी सूरत पे ना जाना, मैं शिरत का भला हूँ
लोग दे देते है धोखा अक्सर खुबसूरत चेहरों से
और एक मैं हूँ जो इस दिल और चेहरे से जुदा हूँ

बुधवार, 17 अक्टूबर 2012

मुश्किलों से हारने वाला मैं ना था

मुश्किलों से हारने वाला मैं ना था
मुझको झुका दे वो कोई दर ना था
मगर ये तेरा असर है ..
जो आज मैं काफ़िर से
 एक फ़रिश्ता बन गया 

मैं जो रो दूँ तो फिर क़यामत होगी

मैं जो रो दूँ तो फिर क़यामत होगी
तुझको मुझसे फिर शिकायत होगी
मेरे दिल में है जो जज्बात
उन्हें तू अन्दर ही रहने दे
वरना तेरी जिन्दगी में फिर हलचल होगी 

आज बिछड़े तो फिर कल ना मिलेंगे

आज बिछड़े तो फिर कल ना मिलेंगे
फूल जो आज है वो कल ना खिलेंगे
मुझको तुम भूल भी जाओ तो कोई शिकायत नहीं
मगर कल तेरे आसुनो को पोछने के लिए हम ना रहेंगे

ना तेरी खता है, ना ये मेरी खता है

ना तेरी खता है, ना ये मेरी खता है
बस ये दिल ही मेरा सरफिरा है
तू ठुकराता रहा मुझे हर सफ़र में
और एक मैं था ..
जो तुझे हमसफ़र अपना मान बैठा 

मेरे घर का सामान सब बिखरा पड़ा है

मेरे घर का सामान सब बिखरा पड़ा है
तेरे जाने के बाद मेरा घर सुना बड़ा है
तुम जो आ जाओ तो रोनक हो मेरे घर में
वरना तेरे बिन ये जय - तन्हा बड़ा है 

इन लकीरों में तेरा साथ नहीं है

इन लकीरों में तेरा साथ नहीं है
शायद अब तुझको मुझसे प्यार नहीं है
मैं खुदा से और अपनों से लड़कर
तुझे अपना बना भी लेता
मगर तूने ही कहा ..
अब तुझको मुझपर एतबार नहीं है 

शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2012

प्यार अपना दिखाना नहीं आता

प्यार अपना दिखाना नहीं आता
मुझे खुद को जताना नहीं आता
लोग अच्छे है सभी बस नज़रिये भर का फर्क है
एक मुझे ही बस उनको आइना दिखाना नहीं आता 

इन दीवारों से बहार अब उनकी आवाज़ नहीं जाती

इन दीवारों से बहार अब उनकी आवाज़ नहीं जाती
शायद कोई तो वजह है
जो अब वो कोयल की तरहा
पहले जैसी अब नहीं चह -चहiती

इन दीवारों से बहार अब उनकी आवाज़ नहीं जाती

इन दीवारों से बहार अब उनकी आवाज़ नहीं जाती
शायद कोई तो वजह है
जो अब वो कोयल की तरहा
पहले जैसी अब नहीं चह -चहiती 

अश्क आँखों से बहे और समंदर बन गए

अश्क आँखों से बहे और समंदर बन गए
तैरने की आदत नहीं थी मुझे
मैं यूँ तेरे भरोसे पर था
आँख जब मेरी खुली तो
मेरे सारे सपने मेरे सामने बिखर कर रह गए 

शनिवार, 6 अक्टूबर 2012

तुम यूँ मुझे प्यार से ना देखा करो

तुम यूँ मुझे प्यार से ना देखा करो
ये दिल पागल है
मचल ही जाता है
तुम तो चाँद हो अकेले भी रोशनी दोगी
और देख के तुमको ये मेरा सितारा डूब जाता है  

इश्क होतो डर लगता है

इश्क होतो डर लगता है
इश्क ना होतो डर लगता है
उसके प्यार से, उसके गुस्से से
उसकी मासूमियत से मुझे डर लगता है
यूँ तो मैं डरपोक नहीं हूँ
मगर उसके इरादों से मुझे डर लगता है 

बेखयाली में ख्याल नहीं था

बेखयाली में ख्याल नहीं था
जब दिल लगाया तुमसे
तो मुझको होश नहीं था
मैं मिट गया बस तेरी फिक्र में
और एक तू था जिसकी नज़र में
मैं कुछ नहीं था .....
 

यूँ मोहब्बत में मरना तो पड़ेगा

यूँ मोहब्बत में मरना तो पड़ेगा
प्यार जो किया है तो तड़पना तो पड़ेगा
मेरे चाहने और ना चाहने से क्या होता है
इश्क जो किया है तो इम्तिहानो से गुज़ारना तो पड़ेगा 

गुरुवार, 27 सितंबर 2012

मेरे दिल में तेरे राज़ रहने दे

मेरे दिल में तेरे राज़ रहने दे
तू भले मुझको भुला दे
मगर ये एहसास रहने दे
मेरे ये आंसू बड़ी मुश्किल से रुके है
अब इस समंदर को यूँ ही खामोश रहने दे 

हवा का रुख अगर बदल जाये तो क्या बात है

हवा का रुख अगर बदल जाये तो क्या बात है
तू अगर मेरी हो जाये तो क्या बात है
तुझको पाना यूँ तो आसान नहीं है, मेरे लिए
मगर ये नामुमकिन अगर मुमकिन हो जाये तो क्या बात है

प्यार जितना भी करूँ तुझसे उतना कम है

प्यार जितना भी करूँ तुझसे उतना कम है
मैं मिटा दूँ खुद को या के अपनी जाँ को 
तेरी मोहब्बत में .....
मेरा ये इम्तेहान फिर भी कम है 

प्यार करना आसान नहीं

प्यार करना आसान नहीं
किसी पे मरना आसान नहीं
यूँ तो हर कोई दिल लगा लेता है
 किसी ना किसी से
मगर प्यार करके फिर उसे निभाना
ये हर किसी के बस की बात नहीं 

शुक्रवार, 14 सितंबर 2012

हाँ तुझमे कुछ बात तो है

हाँ तुझमे कुछ बात तो है
तेरा जुदा सबसे अंदाज़ तो है
लोग मरते है खूबसूरती पे अक्सर
मगर मेरे लिए तेरी ये सादगी बहुत है 

देख के तुझको आज मैं खोया सा हूँ

देख के तुझको आज मैं खोया सा हूँ
मैं करूँ तारीफ कैसे तेरी आज ?
मैं खुद ही आज
 तेरे हुस्न में उलझा सा हूँ

सारी दुनिया में तेरा रुबाब बहुत है

सारी दुनिया में तेरा रुबाब बहुत है 
तेरे चेहरे पे फैला आफ़ताब बहुत है 
मेरा दिल तो भर जाता है 
तेरी सूरत को देख के 
मेरे लिए तो तेरा बस साथ बहुत है 

शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

तेरा ख्याल अच्छा है


तेरा ख्याल अच्छा है 
तेरा सवाल अच्छा है
मेरी हर बात पर
यूँ बिगड़ जाना तेरा
ये अंदाज़ अच्छा है 
देके दर्द मुझे फिर मेरी दवा भी
खुद करती हो?
तेरा ये अपनापन अच्छा है 

तेरा इंतज़ार बस इंतज़ार रहा


तेरा इंतज़ार बस इंतज़ार रहा 
मेरा प्यार बस खामोश ही रहा 
कह तो मैं भी देता अपने दिल की बात 
 मगर तेरे पास मुझे सुनने के लिए
कभी वक़्त ही कहाँ रहा 

मैंने रब से कहा


मैंने रब से कहा
वो छोड़ के गया मुझको
पता नहीं उसकी क्या मज़बूरी थी
रब ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं
ये कहानी तो मैंने ही अधूरी लिखी थी

मैं जो हूँ उसकी वजह तुम हो


मैं जो हूँ उसकी वजह तुम हो
मेरा वजूद मेरी हकीकत का आईना तुम हो
मैं नहीं होता कुछ भी
गर मुझको साथ ना मिला होता तुम्हारा
मेरे बढ़ते कदम का आगाज़ तुम हो 

बुधवार, 29 अगस्त 2012

तुझको पाने में एक वक़्त लगा


तुझको पाने में एक वक़्त लगा
तुझको खोने में एक वक़्त लगा
साथ तेरे मैं खुश था तो एक वक़्त लगा
जो मैं बिछड़ा तुझसे
तो मुझे तुझे भुलाने में एक वक़्त लगा

प्यार सस्ता है बाजारों में मिला करता है


प्यार सस्ता है बाजारों में मिला करता है
दिल खिलौना है सरेआम लुटा करता है
तोड के दिल को अब कोई गिला नहीं करता
ये वो कोठा है ...
जहाँ मोहब्बत का सौदा कोडियो में किया जाता है

पास आने के लिए दूर जाना जरुरी है


पास आने के लिए दूर जाना जरुरी है
लड़ना तुझसे तेरी ख़ुशी के लिए जरुरी है
तेरी-मेरी बहस का यूँ तो कोई अंत नहीं
पर इन लम्हों को जीना तो जरुरी है

दर - बदर भटक के पाया है तुझको


दर - बदर भटक के पाया है तुझको 
कभी खुद से कभी हालात से
लड़कर अपना बनाया है तुझको 
तुझे खोने की हिम्मत नहीं है मुझमे
इसलिए मैंने सारे ज़माने को ठुकरा के
अपना बनाया है तुझको 

समंदर में कश्तियाँ बह गई

समंदर में कश्तियाँ बह गई
मोहब्बत में जिंदगीया ठह गई 
हम किनारे पे थे
फिर भी सम्मल ना सके
और एक झोके में ये जिन्दगी बिखरी गई

बुधवार, 22 अगस्त 2012

ये लम्हा कहाँ ठहरने वाला है


ये लम्हा कहाँ ठहरने वाला है 
तू कहाँ मेरे कहने से मेरा होने वाला है 
सालो गुज़ार दिए मैंने
तुझको पाने के लिए 
और तू मेरा ना हुआ 
जाने कब ये खुवाब टूटने वाला है  

मेरी चाहत का कोई नाम तो होगा


मेरी चाहत का कोई नाम तो होगा
तेरे दिल में मेरे लिए कोई मुकाम तो होगा 
जनता हूँ तुझको पाना मुश्किल है मेरे लिए 
मगर कही मेरी कोशिशो में
 तेरी दुआओं का असर तो होगा 

सारे ज़माने में तेरे हुस्न का चर्चा है


सारे ज़माने में तेरे हुस्न का चर्चा है 
हर एक शख्स का दिल तुझपे अटका है 
मैं भी हो जाऊ तेरा तो कोई शक नहीं 
मगर क्या करूँ 
तुझको पाने में लफड़ा बड़ा है 

दर्द देके मुझे


दर्द देके मुझे 
मुझसे मेरा ख्याल रखने को कहते हो
बड़े मासूम हो तुम 
पहले क़त्ल करते हो
फिर जीने की सज़ा देते हो 

यूँ ना मुझको तुम सताया करो

यूँ ना मुझको तुम सताया करो 
पास जब भी आओ मेरे 
तो तुम यूँ ना घबराया करो 
मैं तुम्हारा हूँ और ये दिल तुम्हारा है 
अब इतना भी मुझसे 
तुम ना शरमाया करो 

मंगलवार, 21 अगस्त 2012

यूँ ना मुझको तुम सताया करो

यूँ ना मुझको तुम सताया करो 
पास जब भी आओ मेरे 
तो तुम यूँ ना घबराया करो 
मैं तुम्हारा हूँ और ये दिल तुम्हारा है 
अब इतना भी मुझसे 
तुम ना शरमाया करो 

शुक्रवार, 10 अगस्त 2012

कोई प्यार से पुकारे तो मैं उसका हो जाऊं


कोई प्यार से पुकारे
तो मैं उसका हो जाऊं 
कोई दिल से लगा ले
तो मैं उसका हो जाऊं 
कोई आँखों में बसे
कोई दिल से लगे
हाय कितनी प्यारी है 
ये सभी लड़कियाँ
काश मैं इन सबका हो जाऊं 

साथ रहकर भी तू मेरी ना हुई


साथ रहकर भी तू मेरी ना हुई
और दूर जाकर भी मैं तुझसे 
दूर ना हुआ ?
ये क्या असर है 
तेरा मुझपर याकि मेरा तुझपर 
आज सालो बाद भी 
तेरा प्यार मेरे दिल में 
जिन्दा है प्यार बनकर 

तुझको पाने के लिये मैं दुआँ करता हूँ

तुझको पाने के लिये
मैं दुआँ करता हूँ
रोज़ मंदिर पे जा के 
तेरे नाम की हाजरी मैं भरता हूँ 
तू मिल जाये तो जन्नत नसीब हो मुझको 
वरना मैं कहा इस जन्नत की तलब रखता हूँ 

इस हालत में अब जीया नहीं जाता

इस हालत में अब जीया नहीं जाता
पास होकर तेरे...
अब तुझसे दूर रहा नहीं जाता 
तेरा होकर मैं जी लूँ तो बहुत है
मगर अब तेरे नाम पर मुझसे 
यूँ मरा नहीं जाता 

सोमवार, 30 जुलाई 2012

यूँ अकेले में सोचकर मुझे तुम हँसती तो होगी

यूँ अकेले में सोचकर
मुझे तुम हँसती तो होगी
मैं बुरा हूँ या अच्छा
ये सवाल खुद के दिल से करती तो होगी
जनता हूँ मैं तुम्हें हर वक़्त परेशान करता हूँ
मगर मेरे प्यार में तेरे दिल को ख़ुशी तो होगी 

तेरे छूने से मेरे दिल ने यूँ हरकत की है


तेरे छूने से
मेरे दिल ने यूँ हरकत की है
बाद मुद्दत के मैंने ये जिन्दगी जी है
तेरे हाथो की कशिश मेरे सिने में यूँ उतरी है
प्यार है तुझसे इस दिल को
बस इस दिल ने तेरी ही आरजू की है

तुझसे मिलता हूँ तो इस दिल को सुकून आता है

तुझसे मिलता हूँ
तो इस दिल को सुकून आता है
होठ हँसते है
इन आँखों में तेरा चेहरा ठहर जाता है
मैं मांगू और खुदा से अब क्या
मुझे अब तेरे सिवा कुछ भी तो नज़र नहीं आता है 

शोर तेरी यादो का अब मुझको परेशान करता है

शोर तेरी यादो का
अब मुझको परेशान करता है 
होना चाहू मैं जितना भी दूर अब तुझसे 
ये दिल उतना ही मुझे अब तेरे पास करता है 

मंगलवार, 24 जुलाई 2012

सावन के मौसम में जो ना बरसा वो इंतज़ार है तु ..

सावन के मौसम में जो ना बरसा
वो इंतज़ार है तु ..
और जो मेरी आँखों से बह गया
वो प्यार है तू ..
तेरा नशा यूँ तो उतर जाता
मगर मैं ही ज़रा इस दिल से बीमार हूँ 

दिल की बात बोल देना इतना आसा भी नहीं

दिल की बात बोल देना
इतना आसा भी नहीं
मैं तुमसे प्यार अपना जताऊ
ये मुझे आता भी नहीं
मेरी खामोसी को गर तू  पढ़ सकती है
तो पढ़ ले , मेरे जज्बातों की कोई जुबा नहीं


गले अपने लगा लो तो कोई बात बने

गले अपने लगा लो तो कोई बात बने
साथ मेरे तुम चलो तो कोई बात बने
सफ़र लम्बा है जिंदगी का अभी
तुम अगर हमसाया बन जाओ तो कोई बात बने 

फूल कांटो से अलग होतो प्यार बनता है

फूल कांटो से अलग होतो प्यार बनता है
मैं तोहफे जो लाऊं तो प्यार चलता है 
तारीफ उसकी जो गर मैं करूँ तो अच्छा 
जो देख लूँ मैं किसी और को कभी 
तो ये बन्दा डार्लिंग से फिर शक्ति कपूर होता है 

सोमवार, 16 जुलाई 2012

प्यार गहरा है समंदर में पानी कम है

प्यार गहरा है
समंदर में पानी कम है
मैं आग हूँ
हवा का असर कम है
मुझको मिटाने के लिये
तेरी एक झलक काफी है
इन चक्कू-छुरियो
और हथियारों का असर कम है 

तुझको पाने में एक उम्र लगी

तुझको पाने में एक उम्र लगी 
और तुझको खोने में बस एकपल 
मैं मनाऊ खुशी अब तेरी यादो की 
या के अब मैं तेरी जुदाई 
मैं रो -रोकर मर जाऊं 

रात में तारे अब ज़रा कम लगते है

रात में तारे अब ज़रा कम लगते है
दिन के ये उजाले अब मधम लगते है
चाँद खोया है, अब बादलो में  ना जाने कहाँ
तेरे बिन ये सब नज़ारे अब मुझे बेरंग से से लगते है 

मेरी आदत खराब है

मेरी आदत खराब है
तेरी फितरत खराब है
मैं गलत तो नहीं
पर क्या करूँ
ये मेरी किस्मत खराब है 

मंगलवार, 10 जुलाई 2012

मेरे होठो पे तेरा नाम ही रहता है


मेरे होठो पे तेरा नाम ही रहता है
अब इन आँखों में तेरा चेहरा ही रहता है
ये दिल अब धड़कता है बड़े सुकून से
अब तू जो इस दिल में रहता है

ये तेरी बेरुखी अच्छी नहीं


ये तेरी बेरुखी अच्छी नहीं
मैं तुम्हारा हूँ मुझसे
यूँ दिल्लगी अच्छी नहीं
मेरा दिल कमजोर है
मुझे तुम यूँ ना सताओ
देख अपनों से यूँ दुरिया अच्छी नहीं

कुछ तेरी यादो का नशा है


कुछ तेरी यादो का नशा है
और कुछ तेरी बातों का नशा है
मैं शाम से बैठा हूँ, तेरे इंतज़ार में
और तू है की लापता है

रात अब खुवाब नहीं लाती


रात अब खुवाब नहीं लाती
अब मुझे नींद नहीं आती
ये कैसी कशमकश है
तेरे-मेरे बीच में
अब तो भूले से भी
 मेरे इन होठो पे कभी हँसी नहीं आती

शुक्रवार, 6 जुलाई 2012

मुझको रोने भी नहीं देती


मुझको रोने भी नहीं देती
और मुझको हसने भी नहीं देती
ये कैसी मोहब्बत है तेरी मुझसे
जो हमको साथ होने भी नहीं देती
और हमको कभी बिछड़ने भी नहीं देती

मैं इस दर से उठकर अब जाऊ तो कहाँ

मैं इस दर से उठकर
अब जाऊ तो कहाँ 
अब तुझको भूलाकर 
मैं और पाऊं तो क्या 
मेरी जिन्दगी का नूर थी तू 
मैं इस जिन्दगी से अब और चाहूँ तो क्या 
जख्म गहरे है,निशा छोड़ते है 
मैं अब तेरी यादो को खुद से मिटाऊ तो क्या 
मेरे दर्द की बस अब तू ही दवा है 
अब तुझे छोड़कर मैं जाऊ तो कहाँ 
दर्द जितना भी है 
मैं वो सब सह लूँगा 
पर अब मैं तुझको और सताऊ तो क्या

रविवार, 1 जुलाई 2012

मैं चला गया तो तुझको मुश्किल होगी

मैं चला गया तो तुझको मुश्किल होगी
याद जब भी मैं आया तुझे
तो हर रात बोझिल होगी
तुझे जो भी शिकायत है मुझसे
वो तू जानता है
पर क्या मेरे जाने से
तेरी हर शिकायत दूर होगी 

उसने मुझे अपना भी कहा

उसने मुझे अपना भी कहा
और वो कभी मेरी भी ना हुई
ये कैसा प्यार है उसका
वो हमेशा साथ मेरे भी रही
मगर फिर भी वो आज क्यूँ मेरे साथ नहीं 

मेरे प्यार का ये सिला अच्छा है

मेरे प्यार का ये सिला अच्छा है
यूँ करीब लाके मुझे
फिर तेरा ठुकराना अच्छा है
हाँ मेरे प्यार का यही
ईनाम तो बनता है
तेरा मुझको अपना बनाके
यूँ मिटाना अच्छा है 

मेरे हाथो की लकीरों में नहीं तू

मेरे हाथो की लकीरों में नहीं तू
तू मेरे इस दिल में है
लोग जिसको नसीब कहते है
वो वहम  है उनका
मेरे लिए तो तेरा होना ही सारी खुदाई है

सोमवार, 25 जून 2012

प्यार को तराजू में ना तोलो

प्यार को तराजू में ना तोलो
ये ज़रा कीमती है
ये एहसास है उसकी चाहत का
इसका मोल नहीं है
मैं खुद को मिटाकर
भी अगर पा लूँ उसको
तो ये मेरे लिये बेशकीमती है

रोने से अब फायेदा क्या है


रोने से अब फायेदा क्या है
तुझको खोकर अब मुझमें बचा क्या है
ये अश्क है जो अब रुकते नहीं
वरना मेरा वजूद तो कब का मर चूका है

यूँ गम को छुपाने की तरीके बहुत है


यूँ गम को छुपाने की तरीके बहुत है
कोई तन्हाई में रोता है
तो कोई अश्को को पीता है
ये प्यार का चस्का है
इससे पार पाना मुश्किल है

वो कोई और थी

वो कोई और थी
तू कोई और है
ये दिल उसका हुआ 
ये जा तेरी हुई 
उसमें कोई बात थी
तुझमें कोई बात है 
बस मेरी ही ये किस्मत खराब थी 

शुक्रवार, 22 जून 2012

फैसले आज मैं सभी कर दूंगा

फैसले आज मैं
सभी कर दूंगा
 मैं मरूँगा आज या
तुझको आजाद मैं कर दूंगा
 सालो जी है जो मैंने
 ये गुमनामी की जिन्दगी
तेरे लिये आज मैं
उस राज़ पर्दा फाश कर दूंगा

मेरे सीने से लगकर तेरा रोना किसी और के लिये

मेरे सीने से लगकर तेरा रोना
 किसी और के लिये
 होना मेरी बाहों में  फिर तड़पना 
किसी और के लिये 
 नाम उसका लेना 
 फिर आहें भरना 
किसी और के लिये 


 हाँ बुरा तो लगता है 
मुझे यूँ तेरा होना 
किसी और के लिये

मैंने जीना भी नहीं छोड़ा

मैंने जीना भी नहीं छोड़ा
 और मैं मर भी ना सका
 बड़ा बदनसीब हूँ मैं
 तेरा  होके भी कभी
 मैं तेरा हो ना सका

गुरुवार, 21 जून 2012

आँख के आँसू ना थमे तो मैं रोता गया

आँख के आँसू ना थमे तो मैं रोता गया
 सारी रात मैं तुझको सोचता रहा
 मैं बुरा हूँ या मेरी ये चाहत
 बस इन्ही सवालों में
 मैं सारी रात उलझा रहा

बुधवार, 20 जून 2012

तुझको देखकर मुझको करार आता है

तुझको देखकर मुझको करार आता है
 तुझसे मिलकर ये मेरा दिल बहल जाता है
 जिन्दगी अब मुझे तेरे पहलु में अच्छी लगती है
 तेरे बिना तो सब मुझे बेवजह नज़र आता है

यूँ तुम मुझको देखकर शरमाया ना करो

यूँ तुम मुझको देखकर शरमाया ना करो
 ये दिल मेरा नाज़ुक है
 इसको तुम यूँ ना दुखाया करो
 मैं तो आराम से मर जाऊँगा
 बस तेरी एक नज़र काफी है
 तुम मुझपर यूँ सितम अपना ना ठाया करो

मंगलवार, 19 जून 2012

शाम अब ढलती है तो ढलती नहीं

शाम अब ढलती है तो ढलती नहीं
 ये जिन्दगी अब आगे बढती नहीं
 मैं रुका हूँ ना जाने किस मोड़ पे
 ये हवा भी तो अब रुक अपना बदलती नहीं

मौत से मुझे डर नहीं लगता

मौत से मुझे डर नहीं लगता
 मैं तो डरता हूँ अब जिन्दगी से
 ना जाने कब ये जिन्दगी अपना रुख बदले
 और मेरी जिन्दगी की शाम हो जाये

जाने किस उलझन में मैं उलझा सा हूँ

जाने किस उलझन में मैं उलझा सा हूँ हूँ मैं समंदर के पास मगर फिर भी मैं प्यासा हूँ हैं अजीब ये दस्तूर जिन्दगी का मैं हूँ जिनका मैं उन्ही के लिये पराया सा हूँ

शनिवार, 16 जून 2012

होश में आने से पहले तुम मुझको मिटा दो

होश में आने से पहले तुम
मुझको मिटा दो तो अच्छा है
 जो अगर में होश में आया तो बहक जाऊंगा
 मैं तो मरूँगा ये तो तय है
 पर साथ अपने मैं तेरी सारी शोहरत ले जाऊंगा

प्यार को प्यार से करार आता है

प्यार को प्यार से
करार आता है
 मुझको तेरे पहलु में
मज़ा आता है
 ये दुनिया और
ये दुनियादारी
मेरे बस की बात नहीं
 मुझको तो बस
तेरा ही कलाम आता है

यूँ तेरा मिलना फिर मिलके जुदा हो जाना

यूँ तेरा मिलना
 फिर मिलके जुदा हो जाना
 मुझको याद है
 मैंने जिस लम्हे जी ली थी
 ये दुनिया सारी
 आज भी मुझमे रवा वो एहसास है

गुरुवार, 14 जून 2012

आँख से आंसू न बहे

आँख से आंसू न बहे तो मोहब्बत में मज़ा क्या है
 वो अगर मुझसे लिपटकर ना रोये तो नशा क्या है
 मैं मिट भी जाऊं तो कोई गम नहीं
 पर अगर वो मेरी कब्र पे ना आये तो मुझे सुकून कहाँ है

मेरी तरह तुझपे मरने वाले और भी है

मेरी तरह तुझपे मरने वाले और भी है
 मैं क्या दिखाऊ चाहत अपनी
 तुझपे कुर्बान और भी है
 तू प्यार है मेरी तरह कितनो का
 और तेरे चक्कर में मेरी तरह बीमार और भी है

मंगलवार, 12 जून 2012

तोड़ दे आज तू ये मेरा दिल

तोड़ दे आज तू ये मेरा दिल तो
कोई बात नहीं मैं रो लूँगा जी भरके
 फिर कोई प्यास नहीं
 रोज़ यूँ घुट-घुट के मरने से
अच्छा है की मैं एक बार मरुँ
 अब तेरे सिवा मुझको
 कोई और तलब नहीं

मुझे कैसे भुलाओगी तुम

मुझे कैसे भुलाओगी तुम
 मैं तुम्हारे अन्दर हूँ
 ये कैसे झूठलाओगी तुम
 मेरा प्यार मेरी चाहत
 यूँ तो दिखावा है तेरे लिये
 मगर कबतलक मुझसे
 यूँ दूर भाग पाओगी तुम

किताबो को उलट-पलट के देखा

किताबो को उलट-पलट के देखा
 मैंने अपनी अलमारी का हर कोना देखा
 मगर नहीं मिली मुझको
 तेरी वो तस्वीर जिसको सालो मैंने
 हर किसी की नज़र से छुपाकर रखा

दो लफ्ज़ प्यार के मैं बोलू तो कैसे

दो लफ्ज़ प्यार के मैं बोलू तो कैसे
तू है सामने मेरे
 मैं अब अपने लब खोलू तो कैसे
 यूँ तो हूँ मैं शायर
 और है शायरी काम मेरा
 पर तेरे सामने मैं कोई शायरी कहूँ तो कैसे

रविवार, 10 जून 2012

ऐसी सज़ा दो तुम मुझे

ऐसी सज़ा दो तुम मुझे
 ऐसे करो तुम भूला दो मुझे
 लकिन मैं कितना याद आऊंगा तुम्हें
 जाते-जाते बस इतना बता दो मुझे

माना की जिन्दगी में कोई काम नहीं आता

माना की जिन्दगी में कोई काम नहीं आता
 माना की परवाना शमा के काम नहीं आता
ऐ-बेवफा लड़की तुने ये कैसे सोच लिया की
 चोट खाया आशिक किसी के काम नहीं आता

मोहब्बत को जरुरत नहीं तरफदारो की

मोहब्बत को जरुरत नहीं तरफदारो की
 वक़्त हर किसी को मोहब्बत करना सिखा देता है
 जिन्दा रहते है लोग जुदा होकर भी
 वक़्त सबको जीना सिखा देता है

होठ से जाम ना झलके

होठ से जाम ना झलके तो मज़ा क्या है तू अगर नज़रो से ना पिलाये नो नशा क्या है मुझको तो चढ़ जायेगी एक ही घुट में तू अगर सारा महखाना लुटा दे तो क्या है

शुक्रवार, 1 जून 2012

आंसुओ से दरिया भर गया

आंसुओ से दरिया भर गया
तेरी याद में ये वक़्त ठहर गया
मैं कैसे करूँ...
अब किसी से प्यार -भरी बातें
ये शख्स तो कब का मर गया

मेरी सब बातों का जवाब तू है

मेरी सब बातों का जवाब तू है
मेरे इस दिल का करार तू है
मैं अब कैसे भूला दूँ तुझको
मेरी तो हर आदत में शुमार तू है

सोमवार, 28 मई 2012

जिन्दगी दोड़ती चली जाती है

जिन्दगी दोड़ती चली जाती है
अब ख़ुशीया मेरे पास ठहर नहीं पाती है
मैं कितनी भी कोशिश करूँ
खुश रहने की
अब इन होठो पे हँसी नहीं आती है

तेरे गम से ये मेरी आँखे नम है

तेरे गम से ये मेरी आँखे नम है
मुझको रोने की नहीं आदत
पर क्या तेरा ये गम कम है
लाख कोशिश करू
फिर भी ये आंसू आ ही जाते है
आज भी तेरा मुझपर ये असर कम है

मैं दुनिया से नहीं डरता

मैं दुनिया से नहीं डरता
मुझको तुझसे डर लगता है
लोग झुठे है
यहाँ और दिखावे का लिबास ओढ़ लेते है
चलो ये तो गैर है अपने नहीं
पर मुझे तेरी सच्चाई से डर लगता है

शुक्रवार, 25 मई 2012

हो कोई साथ तो अच्छा लगता है

हो कोई साथ तो अच्छा लगता है
मुझको तेरे पास अच्छा लगता है
यूँ तो जानती नहीं
वो मुझको और मैं उसको
पर ये अंजना एहसास अच्छा लगता है
बोल दूँ उससे मैं
इस दिल की हसरत
पर उसकी आँखों से मुझे डर लगता है

तेरी बातों में जीने का मज़ा आता है

तेरी बातों में जीने का मज़ा आता है
देख कर तुझको
ये शख्स मुस्कुराता है
देख ज़माने की नीयत ठीक नहीं
खुद को संभालना ऐ - हँसी
देखकर तुझको मैं तो क्या
उस खुदा का कभी ईमान डोल जाता है

पलकों पे मेरे-तेरे ख़ुवाब ठहर जाते है

पलकों पे मेरे-तेरे
ख़ुवाब ठहर जाते है
अरमा ये मेरे दिल के
सब अश्को में बह जाते है
मेरे कहने से कहा
होती है तू मेरी
और एक हम है
जो तेरी खातिर मिटे जाते है

बुधवार, 23 मई 2012

मैं कभी प्यार से तुमको अपना कहूँ तो बुरा क्या है?

मैं कभी प्यार से तुमको
अपना कहूँ तो बुरा क्या है?
मैं कभी तुमको
गले से लगा लूँ गिला क्या है ?
हाँ तुमको पसंद नहीं है
ये मेरा दीवानापन
पर अगर मैं
तुम्हारे सामने बहक जाऊं
तो सजा क्या है?

मोल इन्सा का नहीं मोल तो जज्बातों का है

मोल इन्सा का नहीं
मोल तो जज्बातों का है
ना मैं बुरा हूँ
ना तू बुरा है
बस फ़र्क तो नज़रिये का है
कोई सपनो में जीया करता है
तो कोई हकीकत में मरा करता है
बस फ़र्क इस नीयत का है

आँख से अश्क बहे तो महखाना भर जायेगा

आँख से अश्क बहे
तो महखाना भर जायेगा
पीने वालो को नशा होता है शराब से
और मेरा दिल
तो तेरे दर्द से भर जायेगा
नशा उतर जाता है
शराब का एक रोज़
पर मुझको होश कब आयेगा

सोमवार, 21 मई 2012

पास आने दो मुझे मुझे यूँ ना तुम ठुकराया करो

पास आने दो मुझे
मुझे यूँ ना तुम ठुकराया करो
मैं तुम्हारा हूँ
फिर मुझसे यूँ ना
एतराज़ तुम जताया करो
प्यार जो गर है मुझसे
तो मुझपे भरोसा भी करो
यूँ ना मेरी नियत पे
तुम शक जताया करो

तुम ना आते तो मेरा क्या होता

तुम ना आते तो मेरा क्या होता
बनके आवारा गलियों में भटक रहा होता
तेरे मिलने से बदल गये है
मेरी जिन्दगी के मायने सभी
वरना अबतलक मैं
दुनिया की भीड़ में
कब का खो गया होता

जिन्दगी तेरे सिवा अच्छी तो नहीं

जिन्दगी तेरे सिवा अच्छी तो नहीं
जो तू नहीं तो कुछ भी तो नहीं
फ़र्क महसूस नहीं होता
अब मुझे गम और खुशी में
मैं जिन्दा हूँ तो सही
पर अब मुझमे जिन्दगी तो नहीं

शुक्रवार, 18 मई 2012

मैं कही भी रहूँ तू अक्सर मेरे साथ होती है

मैं कही भी रहूँ
तू अक्सर मेरे साथ होती है
मैं कही अगर ठहर जाऊ
तो बरसात होती है
मेरी -तेरी लड़ाई
यूँ तो रोज़ का किस्सा है
पर अगर तुझसे जुदा
हो जाऊ तो ये आँखे रोती है

आज तू मुझपे एक एहशान कर

आज तू मुझपे एक एहशान कर
या तो होजा तू मेरी
या मुझको तेरे नाम कर
अब नहीं होता है ..
ये इंतज़ार मुझसे तेरा रोज़ -रोज़
ऐ -सनम अब तो ख़तम ये इश्तिहार कर

मुझको अपना भी कहती हो

मुझको अपना भी कहती हो
और मुझसे ये दूरिया भी रखती हो
हो मेरी तुम इसका दावा भी करती हो
और लोगो से मुझे छुपाया भी करती हो
हाँ दिखाती हो मेरे लिए ये अपनापन भी तुम
और मुझ पर ही तुम भरोसा करने से डरती हो

मंगलवार, 15 मई 2012

किसी को अपना बनाने में वक़्त लगता है

किसी को अपना बनाने में वक़्त लगता है
किसी का हो जाने में वक़्त लगता है
ये दिल यूँ तो धड़कता है रोज़ ही
पर इस दिल में ........
किसी को समाने में वक़्त लगता है

इन आँखों ने नहीं देखा कोई चेहरा तुझसा

इन आँखों ने नहीं देखा
कोई चेहरा तुझसा
मुझको अच्छा नहीं लगा
कोई शक्स तुझसा
बड़े इत्मीनान से देखी
मैंने ये दुनिया सारी
पर मुझे कोई और ना मिला
सरे जहा में तुझ जैसा

रात आंसुओ में बही

रात आंसुओ में बही
तो सुबह बुरा मान गई
सुबह खामोस रही
तो दोपहर खफा हो गई
शाम को सोचा था
मना लेंगे अपने प्यार से उसे
पर अपनी तो शाम
भी किस्सों में उसके
यूँ उलझी की सारी शाम गई

बुधवार, 9 मई 2012

चार पन्नो में पलट जाएगी ये जिन्दगी मेरी

चार पन्नो में पलट जाएगी ये जिन्दगी मेरी
२ तेरे प्यार के और २ मेरी बर्बादी के है
मैंने तो बहुत संभाल के लिखी थी
प्यार की ये कहानी अपनी
पर तेरा इरादा कुछ और निकला

मेरे किस्सों में तेरा किस्सा जब भी आता है

मेरे किस्सों में तेरा किस्सा जब भी आता है
इस शख्स का चेहरा यूँही खिल जाता है
तू ज़माने भर से छुपा ले
ये हकीकत मेरी
पर तेरे साथ जुड़कर
हाँ मेरा नाम तो हो जाता है

बहुत चाहा है मैंने तुझको

बहुत चाहा है मैंने तुझको
मैं अब अपनी चाहत का क्या हिसाब करू
अगर समझना होता
तो तू समझ जाती अबतलक मुझको
अब भला मैं कबतलक
यूँ खुद की नुमाइश करू

सोमवार, 7 मई 2012

आज जो आये होतो लौट के फिर ना जाओ

आज जो आये होतो
लौट के फिर ना जाओ
इतनी जल्दी भी है क्या
दो घडी तो ठहर जाओ
वक़्त का क्या भरोसा
है आज हम और कल नहीं
ऐ-सनम कम से कम
आज के लिए तो मेरे हो जाओ

तुम कभी प्यार से मुझे देखा भी करो

तुम कभी प्यार से मुझे देखा भी करो
हाँ थोडा अजीब सा हूँ मैं
पर कभी जूठे ही सही
मेरी तारीफ तो किया करो
अल्फाज़ दो ही बहुत है मेरे लिए
पर कभी तो तुम
मेरे लिए कुछ कहा करो

पलके मुंधू तो तेरा चेहरा दिखाई दे

पलके मुंधू तो तेरा चेहरा दिखाई दे
दिल ये टटोलू तो तेरी धड़कन सुनाई दे
हूँ मैं अजीब सी हालत में आजकल
मैं जहाँ भी देखूं
तो बस मुझे तू ही दिखाई दे

गुरुवार, 3 मई 2012

मेरे जिन्दा होने की वजह तू है

मेरे जिन्दा होने की वजह तू है
मैं हूँ इस दुनिया में इसका सिला तू है
मुझे समझने के लिये
यूँ तो है ये सारी दुनिया
मगर मेरी फितरत को समझता तू है

तेरे जाने की कोई तो वजह होगी?

तेरे जाने की कोई तो वजह होगी?
हाँ कसूर मेरा ही था
जो मैं ना तुझे रोक सका
मेरी सफाई में कोई तो कमी होगी?

बिन कहे दिल की कोई बात करू तो कैसे ?

बिन कहे दिल की कोई बात
करू तो कैसे ?
मैं चुप रहूँ
तो अपने जज्बात कहूँ कैसे?
मुझको नहीं आता इजहार-ऐ- मोहब्बत करना
अब मैं तुझसे अपने हालत कहूँ तो कैसे?

शुक्रवार, 27 अप्रैल 2012

प्यार अपना मैं तुझको समझाऊ तो कैसे?

प्यार अपना मैं
तुझको समझाऊ तो कैसे?
दिल मैं ये अपना
चीर के तुझको दिखाऊ तो कैसे?
मुझको आता नहीं
इस ज़माने का चलन
अब तू ही बता
मैं तुझको अपना बनाऊ तो कैसे?

कोई वादा न करो

कोई वादा न करो
जबतलक तुम निभायाना करो
जूठे वादों से ना मुझको
तुम यूँ बहलाया ना करो
हाँ मुझे नहीं आती जिन्दगी की गणित
पर २ और २ चार है
उनको तुम ५ ना बताया करो

सोमवार, 23 अप्रैल 2012

कह ना सके दिल की

कह ना सके दिल की
तो दिल ही में जलते है
मेरे अरमान लहूँ बनके
इन आँखों से टपकते है
तू कहती है की मैं बुजदिल हूँ
और लोगो के लिए दीवाना
हम तो हर हालात में मरते है

प्यार को प्यार किया तो बुरा किया

प्यार को प्यार किया
तो बुरा किया
उसपे दिल ये निशार
किया तो बुरा किया
हाँ तुझसे जुडी
हर बुराई की वजह मैं हूँ
हाँ अगर मैं बुरा हूँ
तो ये बता तेरी अच्छाई ने क्या किया?

कह ना सके दिल की

कह ना सके
दिल की
तो दिल ही में जलते है ?
मेरे अरमान लहू बनके
इन आँखों से टपकते है
तू कहती है की
मैं बुजदिल हूँ
और लोगो के लिए दीवाना
हम तो हर हालत में मरते है

गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

ना रहे हद कोई बाकी?

ना रहे हद कोई बाकी
इतना तुम मुझे अब प्यार करो
मैं भूल जाऊ खुद को
और उस खुदा को
आओ अब मुझको
खुद में यूँ शुमार करो

मेरे प्यार की कीमत तू समझेगा क्या?

मेरे प्यार की कीमत तू समझेगा क्या?
मैं इन्सान हूँ मिट्टी का
तू मुझको लूटेगा क्या ?
मुझको नहीं आता
ये मोल-भाव करना मोहब्बत में
मैं एहसास हूँ
तू मुझको झूठलायेगा क्या?

रात में चाँद नज़र नहीं आता

रात में चाँद नज़र नहीं आता
दिन में अब तू दिखाई नहीं देती
अजीब से दिन कट रहे है
मेरे आजकल ...
मुझको अब कोई भी लड़की भाव नहीं देती?
और जो है मेरी
वो अब मुझको जवाब नहीं देती?

शनिवार, 14 अप्रैल 2012

रूठकर तुम मुझसे कहाँ जाओगी?

रूठकर तुम मुझसे
कहाँ जाओगी?
आज दूर ही सही तुम मुझसे
कल खुद मेरी और खिची चली आओगी
ये दिल प्यार करने के लिए है
तो मुझसे प्यार करो
बेवजह गुस्से में ये उम्र ढल जायेगी?

मेरा हक है तुझपे .

मेरा हक है तुझपे
तू मुझको आबाद या बर्बाद कर
मैं नहीं मांगता तुझसे
इस जहाँ की खुशिया
तेरा साथ, तेरा प्यार है
सबकुछ मेरे लिए
अब तू ही मेरी चाहत का हिसाब कर

शुक्रवार, 13 अप्रैल 2012

मेरे किस्सों में तेरा किस्सा जब भी बयां हुआ है

मेरे किस्सों में
तेरा किस्सा जब भी बयां हुआ है
ये शख्स यूँ ही बदनाम हुआ है
लोग कहते है की ...
मुझको तेरी मोहब्बत ने लूटा है
और मुझको लगता है की
तुझको पाकर ..
मैंने सारे जहाँ को पा लिया है

तुझको खोने से मुझे डर नहीं लगता

तुझको खोने से मुझे
डर नहीं लगता
हाँ तुझको पाने से मैं डरता हूँ
मेरी हस्ती कुछ भी तो नहीं
तेरे सामने ......
तू है समंदर और मैं एक गुमनाम किनारा
अब तू ही बता मुझको
की तुझको खुद में,
मैं अब समाऊ तो कैसे?

मेरे दिल को कभी अपने दिल से लगाया तो होता

मेरे दिल को कभी
अपने दिल से लगाया तो होता
एक बार तुने अपना प्यार
मुझसे जताया तो होता
कसम खुदा की मैं रख देता
ये सारा जहाँ तेरे कदमो में
ऐ-काश कभी तुने
मुझपे कभी भरोसा तो किया होता

साथ होकर भी तू मेरे साथ तो नहीं

साथ होकर भी तू
मेरे साथ तो नहीं
दिल में होकर
भी तेरा एहसास तो नहीं
हाँ मुझे अब जरुरत नहीं तेरी
और तेरे प्यार की
मगर फिर भी
ना जाने क्यूँ जिन्दगी में
अब पहले जैसी बात नहीं?

साथ होकर भी तू मेरे साथ तो नहीं

साथ होकर भी तू
मेरे साथ तो नहीं
दिल में होकर
भी तेरा एहसास तो नहीं
हाँ मुझे अब जरुरत नहीं तेरी
और तेरे प्यार की
मगर फिर भी
ना जाने क्यूँ जिन्दगी में
अब पहले जैसी बात नहीं?

बुधवार, 11 अप्रैल 2012

हाँ तुझमें कुछ बात तो है

हाँ तुझमें कुछ बात तो है
इस जहाँ में तू कुछ खास तो है
तेरे एक-इशारे पे बदल जाती है
इस जहाँ की की सूरत
तू खुदा है या खुदा से बढकर
अब तू ही बता तेरा राज़ क्या है

तुम ना होती.

तुम ना होती
तो ना जाने मेरा क्या
हर्श होता..
हाँ मैं होता तो मगर
पर तब कहाँ जहाँ में
यूँ फिर मेरा चर्चा होता

शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012

इन आँखों ने नहीं देखा कोई सपना तेरे बिना

इन आँखों ने नहीं देखा
कोई सपना तेरे बिना
मुझको नहीं आता है
अब जीना तेरे बिना
मैं अधुरा हूँ
दूर तुझसे होकर
तू अगर मिल जाये
तो हो जाये ये किस्सा पूरा मेरा

मेरी आँखों में अब तेरी तस्वीर दिखाई देती है

मेरी आँखों में अब तेरी
तस्वीर दिखाई देती है
दिल को हर वक़्त
अब तू ही सुनाई देती है
मैं खुदा को अब भूलने
सा लगा हूँ ..
मुझ पर तो अब
तेरी खुमारी ही छाई रहती है

मेरे दिल में है जो जज़्बात

मेरे दिल में है जो जज़्बात
कभी उन्हें समझा भी करो
मैं बोलता नहीं जो बात
वो तुम कहा भी करो
अब भला कबतक हम रहेंगे
यूँ अजनबी बनके
या तो मुझको ..
या खुद को अब मेरे हवाले करो

सोमवार, 2 अप्रैल 2012

रोज़ आती है सुबह..

रोज़ आती है सुबह
और ये दिन शाम को ढल जाता है
रात के पहलु में
फिर चाँद भी खिल जाता है
पर अगर नहीं आती
तो वो तू है
मेरा हर दिन ..
यूँ ही तेरे इंतज़ार में कट जाता है

इन पलकों को यूँ ना आंसुओ में भिगोया करो

इन पलकों को यूँ
ना आंसुओ में भिगोया करो
रोना जब भी पड़े
ख्याल मेरा कीजे
आपका हर आंसू
मोती है मेरे लिए
ऐ-सनम यूँ ही
ना मेरा ये बेशकीमती
खजाना लुटाया कीजे

मैं तेरे लायक हूँ या नहीं?

मैं तेरे लायक हूँ
या नहीं मैं ये नहीं जानता
हाँ तू मेरा खुदा है
मैं तुझसे बढकर किसी को नहीं मानता
हाँ मैं किसी भी काबिल नहीं हूँ
पर मैं तुझसे बराबरी भी कभी नहीं चाहता

शनिवार, 31 मार्च 2012

तेरे इंतज़ार में कब से

तेरे इंतज़ार में कब से
लगा ये दिल है ..
हर आहट पर समझता है, की तू है
मुझे जीने भी नहीं देता
और मरने भी नहीं देता
अजीब है ये प्यार भी तेरा
ना मैं ही कभी तेरा हुआ
और ना तू ही मुझे अब हासिल है l

रात जो आई तो चाँद निकला.

रात जो आई तो चाँद निकला
और तारे भी टिमटिमाये
हाँ मुझको तेरी याद भी आई
पर जो अगर ना आई तो वो तू थी
वरना कल की रात क़यामत की रात होती

बुधवार, 28 मार्च 2012

मेरे दिल में

मेरे दिल में
तेरे लिए प्यार बहुत है
दूर होकर भी
तू मेरे पास बहुत है
लोग कहते है की
तू भ्रम है मेरा
मगर मुझको इसी
भ्रम में करार बहुत है

याद आज फिर तू आ गई

याद आज फिर तू आ गई
मेरी पलकों पे फिर नमी छा गई
यूँ तो मैं रोता नहीं
किसी के सामने
मगर तेरी याद आज फिर से
मेरी पलकों को तन्हाई में
समंदर बना गई

दो पल अगर ठहरो

दो पल अगर ठहरो
तो कुछ बात कर सकू
चाहे अच्छा हो या बुरा
मैं तुमसे प्यार कर सकू
ये वक़्त आज है
कल का क्या यकी
आ करीब तू मेरे
मैं अब ये जान
तेरे नाम कर सकू

शनिवार, 24 मार्च 2012

तेरे आगे ये सर मेरा झुक जाता है

तेरे आगे ये सर
मेरा झुक जाता है
लोग कहते है की
खुदा से बढकर
कुछ भी नहीं
मगर मुझे तो
तेरे बाद ही सबकुछ
नज़र आता है

सोमवार, 19 मार्च 2012

तेरे नाम से मुझको खुशी मिलती है

तेरे नाम से
मुझको खुशी मिलती है
तेरे एहसास से
मुझको खुशी मिलती है
तू कही भी रहे
ऐ- मेरे सनम
पास या के दूर मुझसे
मुझे तो अब
तुझमें ही खोके खुशी मिलती है

दिल के आंसू मैं..

दिल के आंसू मैं
तुझको कभी दिखा ना सका
मैं रोया तो बहुत
पर तुझको रुला ना सका
तेरी मोहब्बत
यूँ तो जिन्दगी थी मेरी
मगर तू ही खुद
कभी मेरा ना हो सका

बुधवार, 14 मार्च 2012

उसको भूल जाना

उसको भूल जाना
कहा आसा था मेरे लिए
मैंने जब भी भुलाया उसको
तो वो याद मुझको आ ही गया
कभी आँखों में आंसू बनके
तो कभी होठो पे हसी बनके
मैं गया जब कभी भी दूर उससे
वो मुझे हमेशा मेरे आस-पास ही मिला

सोमवार, 12 मार्च 2012

मेरे मरने पे ना आंसू बहाना

मेरे मरने पे ना आंसू बहाना
ऐ- दुनिया वालो
मैं जो बिछड़ा हूँ
आज तुमसे तो कल फिर से मिल जाऊंगा
याद मैं ना सही पर मेरी यादें ही सही
इन्ही यादों में तुम्हें खुशिया और आंसू ओ
के कई किस्से तमाम दे जाऊंगा
मैं लम्हा हूँ आज बिछड़ा हूँ तुमसे
तो कल फिर किसी मोड़ पे
तुमसे मैं मिल जाऊंगा

वक़्त है आखिरी ज़रा संभल के चलना

वक़्त है आखिरी ज़रा संभल के चलना
साथ मेरे ना सही तो साथ खुद के चलना
बस अगले उस मोड़ पे
बदल जायेगी...
मंजिले अपनी
मगर हम जितने
वक़्त साथ है तुम हमें अपने दिल में रखना

लोग कहते है की मैं पागल हूँ

लोग कहते है की मैं पागल हूँ
मोहब्बत में उसकी
मगर मैं जब भी मिला हूँ
किसी से तो होश में ही मिला हूँ
मगर फिर भी ना जाने
क्यूँ लोग मुझे दीवाना समझते है
मोहब्बत में .

मेरे कुछ कहने और ना कहने से ..

मेरे कुछ कहने
और ना कहने से
कहा ये वक़्त और ये हालत बदलते है
पर मैं चुप जो रहूँ
तो क्या पता, मेरी चुप्पी
नए मायने देदे ..
मुझसे जुड़े उस एहम शख्स को

बुधवार, 29 फ़रवरी 2012

किस तरह से भूला दू मैं तुझे

किस तरह से भूला दू मैं तुझे
तू मेरी रूह में, मेरे दिल में बसती है
हाँ तेरी गलतिया माफ़ी के लायक तो नहीं
पर तुझसे प्यार किया था, सच्चा मैंने
और दिल से तुझे चाहा और तुझे अपना बनाया था
अब तू ही बता मुझको की ,
सजा दू भी तो किस तरह
मैं तुझको
और तेरी गलियों का
मैं हिसाब करू ...
किस तरह से भूला दू मैं तुझे
तू मेरी रूह में, मेरे दिल में बसती है

शनिवार, 18 फ़रवरी 2012

कल अकेले बैठकर ये सोचा था मैंने

कल अकेले बैठकर ये सोचा था मैंने
ये जिन्दगी हसीं है या की बोझिल
तो जवाब मिला ....
जो तू समझता है सब वैसा नहीं है
आग दरिया है
दरिया में आग
प्यार सस्ता है
रिश्ते बाज़ार में बेमोल बिका करते है
ये जिन्दगी अपनी होकर भी अपनी नहीं
और जो अपने है उनके लिए ये जिन्दगी
सच्ची नहीं ..

हर बात का सबूत
और हर चीज़ की कीमत है
प्यार के होठो पे झूठ
और दिल में भ्रम है
मैं किसको चाहता हूँ
इतना जो मेरा है
पर उसे मेरे प्यार पर शक है
ये जिन्दगी हसी है या की बोझिल है

मैंने कहा चाहा था कभी
सारी दुनियो की दोलत और नेमत को
मैं तो बस प्यार का भूखा था
बस उसकी की तलाश में था
और जो मिला मुझको
सच्चा कोई तो ये दिल लगा बैठा मैं उससे
जो आज पर्दा उठा
तो उसके लिए में एक दिल बहलाने का खिलौना निकला
ये जिन्दगी हसी है या की बोझिल है

अब गिला करू तू किस्से
और अपना दर्द सुनाऊ तो किस्से
और कौन मेरे भरोसे के काबिल है
एक जिसको दिया था ये दिल अपना जानकर
जब वही समंदर इस साहिल का दुश्मन निकला
कल अकेले बैठकर ये सोचा था मैंने
ये जिन्दगी हसी है या की बोझिल है

मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012

तोहफा तुझे मैं क्या दूँ

तोहफा तुझे मैं क्या दूँ
आज है प्यार का दिन
मैं तुझे क्या दूँ

ये दिल तेरा है
ये जिस्म, ये रूह
मेरा कतरा-कतरा तेरा है
अब मैं तुझे खुदसे बढकर
और कोई नजराना क्या दूँ

लोग कहते है की तोहफों से प्यार का रिश्ता मजबूत होता है
तोहफों से ही हाल-ऐ-दिल
और दिल का एहसास बयाँ होता है
मगर जो खुद तेरा हो चूका हो
उस दिल से और कोई पैगाम क्या दू

ये तोहफे, ये दिखावे, ये चमक, ये धमक
मेरे बस की बात नहीं
मैं शायर हूँ, कोई शहनशा नहीं
जो समझ सके तो समझ ले
मेरे दिल और मेरी मोहब्बत को
अब खामोस रहकर
कैसे तुमसे और कोई बात क्या करू
तोहफा तुझे मैं क्या दूँ
आज है प्यार का दिन
मैं तुझे क्या दूँ

बुधवार, 8 फ़रवरी 2012

सच कहता हूँ तो लोग खफा होते है

सच कहता हूँ तो लोग खफा होते है
झूठ बोलता हूँ
तो ये दिल बुरा मानता है
अजीब सी कशमकश में हूँ
या खुदा तू ही मेरा फैसला करदे
चुप रहकर सहूँ
या बोलकर बदनाम हो जाऊ

रविवार, 5 फ़रवरी 2012

इतना मजबूर मैं कभी ना था, पहले

इतना मजबूर मैं कभी ना था, पहले
था समंदर के करीब फिर भी प्यासा ही रहा
वो सबकुछ लेकर चले गया
मेरी जिन्दगी से
एक झोके की तरह
और मैं समंदर के खामोस होने का इंतज़ार करता रहा

इन होठो पर अब हंसी अच्छी नहीं लगती

इन होठो पर अब हंसी अच्छी नहीं लगती
मुझको अब ये जिन्दगी अपनी नहीं लगती
अब मुस्कुराऊ तो मैं किसके लिए
अब मेरी जिन्दगी में कोई भी खुशी
मुझको मेरी अपनी नहीं लगती

रविवार, 29 जनवरी 2012

मेरे घर के करीब .

मेरे घर के करीब
उस दिल रुबा का घर है
देखकर जिसको धडकता है ये दिल
और खुशी मिलती है मुझको
बस मेरी नजरो के सामने ही मेरा रब है

मगर प्यार करना और किसी को चाहना
दो अलग-अलग बात है
मेरे सामने है समंदर
फिर भी प्यासे ये मेरे लब है
मेरे घर के करीब
उस दिल रुबा का घर है

वो देखकर मुझको कभी घबरा
तो कभी मुस्कुरा देती है
और उसके सामने
मेरी हालत भी कहा अच्छी रहती है
यूँ तो अकेले में अक्सर सोचता हूँ
की जब वो मिलेगी तो हाले-ऐ- दिल
उसको सुनाऊंगा अपना
मगर वो जब भी मिली
ये जुबा......
खामोस ही रहती है
मेरे घर के गरीब
उस दिल रुबा का घर है

आज हो गए है बरसो
हम दोनों को इस तरह से
ना वो ही कुछ कहती है
और ना मैं ही कुछ बोल पता हूँ
अगर ये सच है की प्यार की कोई जुबा नहीं होती
वो बिन कहे समझ लेता है
सबकुछ तो फिर ....
हम दोनों के बीच ये दुरिया कैसी है
मेरे घर के करीब
उस दिल रुबा का घर है

शनिवार, 21 जनवरी 2012

जिन्दगी में अब वो बात नहीं

जिन्दगी में अब वो बात नहीं
जो थे कल पल वो आज नहीं
लगता था पहले हमेशा
की हर ख़ुशी मुठी में है अपनी
मगर जो देखा आज उन्ही हाथो
को मैंने गोर से....
तो इन्ही हाथो की लकीरों में तेरा साथ नहीं
जिन्दगी में अब वो बात नहीं

मैं कोई खुदा नहीं
जो बदल तू मुकद्दर तेरा
और ना ही कोई पीर,पैगम्बर जो
दुआओं से भर दू
ये आँचल तेरा ..
तेरी खुशीया नहीं है बस में मेरे
मैं तो लहर हूँ
और तू समंदर
साथ हैं हम हमेशा फिर भी
साथ नहीं
जिन्दगी में अब वो बात नहीं
जो थे कल पल वो आज नहीं

मंगलवार, 17 जनवरी 2012

प्यार के प्यार में इंतज़ार बहुत है..

प्यार के प्यार में इंतज़ार बहुत है
ये दिल क्या, ये जान भी है उसकी
मगर उसको मुझपे एतबार कहाँ है
प्यार के प्यार में इंतज़ार बहुत है

मेरी लिए है, वो जिन्दगी मेरी
जो वो नहीं तो, मैं कहाँ हूँ
उसे माना है, मैंने अपना खुदा
मगर उस खुदा पर मेरा खुद इख्तियार कहाँ है
प्यार के प्यार में इंतज़ार बहुत है

मैं जो कभी करता हूँ
उससे ये हाल-ऐ-दिल बयां कभी अपना
तो उसे मेरी बातों से इतेफाक कहाँ है
प्यार के प्यार में इंतज़ार बहुत है

लोग कहते है की मुझसे की अब शादी
की उम्र हो चली है, मेरी
तो घर बसा लूँ मैं किसी से अब अपना
मगर जिसकी खातिर ये उजड़ा है गुलिस्ता
उसी माली को अब मेरा ख्याल कहाँ है
प्यार के प्यार में इंतज़ार कहाँ है

वो जो न मिलती मुझको तो बात
और थी...............
मगर उसका मिलना मुझसे
और इस दिल का मोहब्बत करना उसको बैइन्तहा
इसमें मेरा और इस दिल का कसूर क्या है?
प्यार के प्यार में इंतज़ार बहुत है

सोमवार, 16 जनवरी 2012

जिन्दगी भी अजीब है

जिन्दगी भी अजीब है
सोचो कुछ तो कुछ मिलता है
मांगो खुशिया तो गमो में लिपटा लिबास मिलता है

ये चाहत कब पूरी होती है
किसी को चाहने से .
जब ये मुकद्दर ही खुद अपना खराब होता है
जिन्दगी भी अजीब है
सोचो कुछ तो कुछ मिलता है

मैंने कब मांगी थी सारे जहा की खुशिया
बस एक अपने प्यार का, प्यार ही तो माँगा था
और उसपे इस ज़माने की दुश्मनी देखिये मुझसे
जो मिला मेरा खुदा मुझसे तो वो भी बेवफा निकला
जिन्दगी भी अजीब है
सोचो कुछ तो कुछ मिलता है

मेरे दुशमन यूँ तो थे दुनिया में सभी
और मैं सबकी निगाहों में खलता था
मगर ये दिल टुटा ..
उसके ही हाथो
जिसपे मुझको खुदसे ज्यादा भरोसा था
जिन्दगी भी अजीब है
सोचो कुछ तो कुछ मिलता है
मांगो खुशिया तो गमो में लिपटा लिबास मिलता है

बुधवार, 11 जनवरी 2012

मैं तुझे हर जगह महसूस करता हूँ

मैं, तुझे हर जगह महसूस करता हूँ
भीड़ में , तन्हाई में
बस तेरा ही एहसास करता हूँ

तू है हर जगह..
साथ भी और दूर भी ..
मैं, अब हवाओ से बात करता हूँ
मैं, तुझे हर जगह महसूस करता हूँ

वो चाँद भी आजकल मुझको
कुछ फीका-फीका सा लगता है
सारा आसमान
मुझको अब सुना-सुना सा लगता है
अब चाँदनी भी कहा पहले जैसी रही है
मैं, अब इस कायनात को
ही फजूल करता हूँ ..
मैं, तुझे हर जगह महसूस करता हूँ

ये "जय" यू तो बन्दा है एक अदना सा
और शायरी में तुक-बंदी कर लेता है
मगर जब आती है कलम इन हाथो में
और महसूस करता हूँ, मैं मोहब्बत तेरी
तो ग़ज़ल,नज्म, शायरी ना जाने
क्या-क्या,मैं किस्से तमाम करता हूँ
मैं, तुझे हर जगह महसूस करता हूँ

मंगलवार, 3 जनवरी 2012

कुछ वक़्त तो ठहरो

कुछ वक़्त तो ठहरो
बैठो पास मेरे
मुझसे कुछ बात करो
फिर उसके बाद चलते है

इतनी जल्दी भी क्या है?
तुमको जाने की
बस अभी दिन ही तो ढला है
रात अभी बाकी है
कुछ वक़्त तो ठहरो
बैठो पास मेरे
मुझसे कुछ बात करो
फिर उसके बाद चलते है

है ये डर कैसा दुनिया से
तुझको ऐ-मेरे सनम
लोगो का तो काम ही हर वक़्त
कुछ ना कुछ कहने का है
कुछ वक़्त तो ठहरो
बैठो पास मेरे
मुझसे कुछ बात करो
फिर उसके बाद चलते है

है जो अगर तुझको भरोसा मुझपर
तो फिर क्यूँ है? तेरी आखे यूँ नम
ये चेहरा तेरा उतरा क्यूँ है?
कुछ वक़्त तो ठहरो
बैठो पास मेरे
मुझसे कुछ बात करो
फिर उसके बाद चलते है

बदलते है वो लोग जो दिल में कुछ
और जुबा पे कुछ और रखते है
ये "जय" है तुम्हारा और तुम हो मोहब्बत इसकी
वरना ये "जय" भला शायर कहा है.
कुछ वक़्त तो ठहरो
बैठो पास मेरे
मुझसे कुछ बात करो
फिर उसके बाद चलते है

सोमवार, 2 जनवरी 2012

जो उसको देखा.

जो उसको देखा तो ये दिल गया
जो खुद को रोका तो मैं गया
वो है हँसी चाँद सी
जो मैंने खुद को देखा
तो मैं चिड गया
जो उसको देखा तो ये दिल गया

देखकर उसको रुक जाते है
जाते हुये कदम सारे
हर नज़र ठहर जाती है
खुद होके उसकी
उस वक़्त उस पर .
मुझे तब बुरे लगते है ये लोग सारे
जो उसको देखा तो ये दिल गया

मेरे अलावा सब लोग कह देते है
उससे हाल-ऐ-दिल अपना
बस एक मैं ही हूँ,जो हमेशा चुप रह जाता हूँ
है मोहब्बत वो सारी दुनिया की
बस एक मैं ही उसकी चाहत में जो हमेशा अधुरा छुट जाता हूँ
प्यार तो मुझको भी है उससे बहुत
मगर ये दिल है जो डरता है उससे कुछ भी कहने से
गया 2008-09-10-11- लो , ....२०१२ भी आ गया
जो उसको देखा तो ये दिल गया