तमाम उम्र गुज़र दी
मैंने तेरे इंतज़ार में
और तू आया
मेरे जनाज़े के साथ में
मैं जिन्दा रहकर कभी
तुझको ना पा सका
और तूने मुझे अपना बनाया
मेरे मरने के बाद में
हास्य कवि / शायर ......
( जयदेव जोनवाल )
मैंने तेरे इंतज़ार में
और तू आया
मेरे जनाज़े के साथ में
मैं जिन्दा रहकर कभी
तुझको ना पा सका
और तूने मुझे अपना बनाया
मेरे मरने के बाद में
हास्य कवि / शायर ......
( जयदेव जोनवाल )
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