जयदेव जोनवाल एक उभरते हुए युवा कवि हैं, जिनकी रचनाओं में उसी ताजगी का आभास होता है जो वास्तव में एक युवा कवि की रचनाओं में होना चाहिए। मेरी उन्हें ढेरों शुभकामनायें। जयदेव अच्छी रचनाओं का निर्माण करें और हिन्दी की निरंतर सेवा करते रहें।
जय हिंद!
जय हिन्दी!
सुमित प्रताप सिंह
(दिल्ली गान के रचयिता)
हास्य कवि जयदेव जोनवाल
सम्पर्क सूत्र -: 09250683519,8826725292
पलकों पे मेरे-तेरे ख़ुवाब ठहर जाते है अरमा ये मेरे दिल के सब अश्को में बह जाते है मेरे कहने से कहा होती है तू मेरी और एक हम है जो तेरी खातिर मिटे जाते है
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