जयदेव जोनवाल एक उभरते हुए युवा कवि हैं, जिनकी रचनाओं में उसी ताजगी का आभास होता है जो वास्तव में एक युवा कवि की रचनाओं में होना चाहिए। मेरी उन्हें ढेरों शुभकामनायें। जयदेव अच्छी रचनाओं का निर्माण करें और हिन्दी की निरंतर सेवा करते रहें।
जय हिंद!
जय हिन्दी!
सुमित प्रताप सिंह
(दिल्ली गान के रचयिता)
हास्य कवि जयदेव जोनवाल
सम्पर्क सूत्र -: 09250683519,8826725292
रात आंसुओ में बही तो सुबह बुरा मान गई सुबह खामोस रही तो दोपहर खफा हो गई शाम को सोचा था मना लेंगे अपने प्यार से उसे पर अपनी तो शाम भी किस्सों में उसके यूँ उलझी की सारी शाम गई
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