रविवार, 9 दिसंबर 2012

आज है तो तुमको मना लेंगे


आज है तो तुमको मना लेंगे
शिकवे-शिकायते जितने भी है
सब मिटा लेंगे ...
खता आपकी हो या हमारी
हम ही खुद को झुका लेंगे
आज साथ है तो सब है
कल ना हुए तो क्या करेंगे


कवि/ शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

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