शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012

बारिश में रोने की क्या बात है


बारिश में रोने की क्या बात है
तुझसे अपने आंसुओ को छुपाने की क्या बात है
जनता हूँ तुझको मैं रोता हूँ
अच्छा नहीं लगता
मगर तुझसे छुपकर तेरे लिए
रोने की क्या बात है


हास्य कवि / शायर .....

( जयदेव जोनवाल )

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