तू मुझे हँसती हुई अच्छी लगती है
तेरे करीब ये जिन्दगी अच्छी लगती है
अब गवारा नहीं है तुझसे ये दुरिया मुझको
अब तेरे साये में हर ख़ुशी सच्ची लगती है
हास्य कवि / शायर ......
( जयदेव जोनवाल )
तेरे करीब ये जिन्दगी अच्छी लगती है
अब गवारा नहीं है तुझसे ये दुरिया मुझको
अब तेरे साये में हर ख़ुशी सच्ची लगती है
हास्य कवि / शायर ......
( जयदेव जोनवाल )
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