बुधवार, 19 दिसंबर 2012

हाथ छूने से डर लगता है


हाथ छूने से डर लगता है
तेरे सामने कुछ कहने से डर लगता है
यूँ तो ज़माना जनता है की मैं शायर हूँ
मगर मुझको तेरे सामने लब खोलने में डर लगता है


हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

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