किस तरह से भूला दू मैं तुझे
तू मेरी रूह में, मेरे दिल में बसती है
हाँ तेरी गलतिया माफ़ी के लायक तो नहीं
पर तुझसे प्यार किया था, सच्चा मैंने
और दिल से तुझे चाहा और तुझे अपना बनाया था
अब तू ही बता मुझको की ,
सजा दू भी तो किस तरह
मैं तुझको
और तेरी गलियों का
मैं हिसाब करू ...
किस तरह से भूला दू मैं तुझे
तू मेरी रूह में, मेरे दिल में बसती है
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