मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012

तोहफा तुझे मैं क्या दूँ

तोहफा तुझे मैं क्या दूँ
आज है प्यार का दिन
मैं तुझे क्या दूँ

ये दिल तेरा है
ये जिस्म, ये रूह
मेरा कतरा-कतरा तेरा है
अब मैं तुझे खुदसे बढकर
और कोई नजराना क्या दूँ

लोग कहते है की तोहफों से प्यार का रिश्ता मजबूत होता है
तोहफों से ही हाल-ऐ-दिल
और दिल का एहसास बयाँ होता है
मगर जो खुद तेरा हो चूका हो
उस दिल से और कोई पैगाम क्या दू

ये तोहफे, ये दिखावे, ये चमक, ये धमक
मेरे बस की बात नहीं
मैं शायर हूँ, कोई शहनशा नहीं
जो समझ सके तो समझ ले
मेरे दिल और मेरी मोहब्बत को
अब खामोस रहकर
कैसे तुमसे और कोई बात क्या करू
तोहफा तुझे मैं क्या दूँ
आज है प्यार का दिन
मैं तुझे क्या दूँ

कोई टिप्पणी नहीं: