रात में तारे अब ज़रा कम लगते है
दिन के ये उजाले अब मधम लगते है
चाँद खोया है, अब बादलो में ना जाने कहाँ
तेरे बिन ये सब नज़ारे अब मुझे बेरंग से से लगते है
दिन के ये उजाले अब मधम लगते है
चाँद खोया है, अब बादलो में ना जाने कहाँ
तेरे बिन ये सब नज़ारे अब मुझे बेरंग से से लगते है
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