शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012

मेरे दिल में है जो जज़्बात

मेरे दिल में है जो जज़्बात
कभी उन्हें समझा भी करो
मैं बोलता नहीं जो बात
वो तुम कहा भी करो
अब भला कबतक हम रहेंगे
यूँ अजनबी बनके
या तो मुझको ..
या खुद को अब मेरे हवाले करो

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