बेखयाली में ख्याल नहीं था
जब दिल लगाया तुमसे
तो मुझको होश नहीं था
मैं मिट गया बस तेरी फिक्र में
और एक तू था जिसकी नज़र में
मैं कुछ नहीं था .....
जब दिल लगाया तुमसे
तो मुझको होश नहीं था
मैं मिट गया बस तेरी फिक्र में
और एक तू था जिसकी नज़र में
मैं कुछ नहीं था .....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें