बुधवार, 17 अक्टूबर 2012

आज बिछड़े तो फिर कल ना मिलेंगे

आज बिछड़े तो फिर कल ना मिलेंगे
फूल जो आज है वो कल ना खिलेंगे
मुझको तुम भूल भी जाओ तो कोई शिकायत नहीं
मगर कल तेरे आसुनो को पोछने के लिए हम ना रहेंगे

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