सोमवार, 1 सितंबर 2008

ममता

माँ के मर्म से बड़ा कोई मोल नही है
जहा में माँ से बड़ा कोई और नही है
पैदा जो हुए तो दर्द इसने सहा, जो रोये कभी तो सिने से लगा दिया
नही उतर सकेंगे इसका क़र्ज़ हम , क्यूंकि ये हिसाब कुछ रुपयो का नही है
माँ --------------------------
चलना सीखाया इसने, ठोखरlलगी तो उठाया
तुतलाए जब भी हम , हमें बोलना सीखाया
ये पहला अध्याय अपना , ये पहली क्लास अपनी
ये गुरु हमारा , हमारी पहचान इससे इसकी पहचान हमसे नही है

माँ ----------------------------
जो हो गए बड़े हम तो क्यूँ इसे दुत्कारे
तोडे रिश्ता ख़ुद का इससे ,क्यूँ इसे bhulaye
कभी थी इसकी duniya हमसे
आज हमारी duniya में ये नही है
माँ -------------------------

जो मर गए हम तो faishla ऊपर bhagwan भी करेगा
jeenhone dukhaya होगा माँ का दिल unhai नरक में bharega
bhagwan ने बनाया , माँ को ख़ुद के rupe में
हर एक घर में इसका मन्दिर, ये माँ है murat तो नही है

माँ ---------------------------------------

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