गुरुवार, 24 नवंबर 2011

जिन्दगी इतनी हसींन तो ना थी कभी

जिन्दगी इतनी हसींन तो ना थी कभी
साथ उसका जो न मिला होता
हम कहा किसी काबिल थे
जो उसने हमको .......
प्यारे करके इस तरह ना सवारा होता

सोमवार, 14 नवंबर 2011

तेरी यादो को मैं कभी भुला न सका

तेरी यादो को मैं कभी भुला न सका
बिछड़ा तो तुझसे मगर
बिछड़ ना सका ........
तेरा प्यार यूँ तो जिन्दगी था मेरी
मगर तेरी ख़ुशी के लिए तुझसे बिछड़ना पड़ा
आज याद करके तुझे.....
भर आते है अक्सर ये आंसू मेरी आँखों में
मैं खुद को तो आज भी समझा लू.
मगर इन अश्को को मैं कभी समझा न सका
तेरी यादो को मैं कभी भुला ना सका....

शनिवार, 12 नवंबर 2011

तेरी हर बात, तेरी हर याद

तेरी हर बात, तेरी हर याद
आज भी जिन्दा है
मेरे इस दिल में
हम बेशक बिछड़ गये हो
इस ज़माने की नज़र में
मगर तू आज भी जिन्दा है
मेरी रूह में हकीकत बनकर

मंगलवार, 8 नवंबर 2011

कल रात सपने मैं आई थी, वो

कल रात सपने मैं आई थी, वो
थोड़ी शरमाई थोड़ी घबराई थी, वो
कहना तो वो बहुत कुछ चाहती, वो हमसे
मगर ना जाने क्यूँ खामोश थी, वो
थे सवाल बहुत से उसके मन मैं
मगर कुछ न कह पाई थी, वो
मैं और वो सारी रात साथ में थे
जो सुबह आँखे खुली तो
मेरे लिए पराई थी,वो
कल रात सपने में आई थी, वो

गुरुवार, 3 नवंबर 2011

बदला-बदला सा समां है, आजकल

बदला-बदला सा समां है, आजकल
कुछ याद ,कुछ भुला हुआ सा है आजकल
बस कुछ दिनों पहले की तो बात है, ये
जब वो और मैं साथ जिया करते थे
उनकी पलकों पे tehrai जो आंसू कभी
तो उनको मैंने अपनी हथेली पर सजा लिया था,
मोती की तरह......
अपने दिल में
वो जो बिछड़े मुझसे परसों
तो ये वक़्त रुक सा गया आजकल

बुधवार, 2 नवंबर 2011

उसकी खुसबू को मैं ना कभी भूल सका

उसकी खुसबू को मैं ना कभी भूल सका
वो दूर रहकर भी ता-उम्र मेरे साथ रहा
यूँ तो वो लड़ता रहा मुझसे हमेशा
मगर जो बीछ्ड़ा वो मुझसे तो अपने आंसू ना रोक सका
वो तमन्ना थी मेरी जिन्दगी की
और मैं ख़ुशी था उसके होठो की
मगर ये बदनसीबी रही हमारी
की ना वो कभी कह सका
ना कभी मैं ही कुछ कह सका