शुक्रवार, 25 जनवरी 2013

दिल में प्यार कौन देखता है



दिल में प्यार कौन देखता है 
आँखों में इंतज़ार कौन देखता है 
कौन देखता है, अब प्यार को प्यार की नज़र से 
सब फरेबी है अब कौन कहाँ किसी 
के प्यार का इम्तेहान देखता है 


हास्य कवि / शायर ...........

(जयदेव जोनवाल)

उंगलिया लाख उठेंगी तुमपर

उंगलिया लाख उठेंगी तुमपर 
मगर फैसला तुमको करना है 
तुम बनोगी मेरी सब मुश्किलों को लाँघ कर 
या फिर तुम्हें इस दुनिया के इशारे पे चलना है 


हास्य कवि / शायर ...........

(जयदेव जोनवाल)

बुराईया लाख है तुममे


बुराईया लाख है तुममे
मगर फिर भी तुम मुझको अच्छी लगती हो
मैं करूँ प्यार तुम्हे या गिनू गलतिया तुम्हारी
मुझे तो हर हाल में तुम सच्ची लगती हो


हास्य कवि / शायर ...........

(जयदेव जोनवाल)

आँख मायूस हो जाये तो दिल क्या करे


आँख मायूस हो जाये तो दिल क्या करे
तू जो याद आये तो हम क्या करे
है बड़ा मुश्किल फिर मेरा सम्भल पाना
तेरी चोखट पे आकर फिर मैं ठहर जाऊं
तो पाँव क्या करे ???????????


हास्य कवि / शायर ...........

(जयदेव जोनवाल)

रोशनी से रोशन जहाँ करेगा



रोशनी से रोशन जहाँ करेगा
वो जब भी चलेगा तेरा घर
उजालो से भरेगा
हो चिराग अपना या हो पराया
वो जब भी चलेगा
सब अंधेरो को दूर कर देगा


हास्य कवि / शायर ...........

(जयदेव जोनवाल)

शनिवार, 12 जनवरी 2013

आँख शर्म से झुके तो अच्छा


आँख शर्म से झुके तो अच्छा
वरना इस बेहयाई में फायेदा क्या
हो ना घूँघट या पल्ला
तेरे सर पे तो कोई बात नहीं
वरना इस बेशर्मी में रखा क्या


हास्य कवि / शायर ......

(  जयदेव  जोनवाल )

जिस्म मिट्टी है



जिस्म मिट्टी है
और मिट्टी ही बन जायेगा
दिल ये सच्चा है
मरके भी तुझको चाहेगा
मैं भुला दूँ  तुझको कैसे
ये तू ही बता
मेरे होठो पे मरके भी
तेरा ही नाम आयेगा

हास्य कवि / शायर ......

(  जयदेव  जोनवाल )

साथ छुटेगा तो छुट ही जायेगा



साथ छुटेगा तो छुट ही जायेगा
हम बिछड़े तो बिछड़ ही जायेंगे
अब मैं कैसे करू , कैद इस वक़्त को
अपनी मुट्ठी में
तू जो छुटा तो मेरे हाथो से फिसल जायेगा


हास्य कवि / शायर ......

(  जयदेव  जोनवाल )

लोगो के मुह से निवाला छीन लेते है 
ये सियासी लोग है, कफ़न बेच देते है 
बेच देते है ये सबकुछ , चन्द टुकडो के लिए 
ये इंसानियत बेच देते है 



हास्य कवि / शायर ...

( जयदेव जोनवाल )

रविवार, 6 जनवरी 2013

आप होतो हम है



आप होतो हम है
वरना कहाँ हम है
है आपसे ही ये दुनिया हमारी
जो आप नहीं तो फिर कहाँ हम है


कवि / शायर ..

( जयदेव जोनवाल)

साथ फेरो में नहीं प्यार तो इस दिल में है



साथ फेरो में नहीं 
प्यार तो इस दिल में है 
कसमो- वादों में नहीं 
चाहत तो मोहब्बत में है 
हम है तबतक किसी के 
जबतक हम चाहे 
वरना इन दलीलों में रखा क्या है 


कवि / शायर ..

( जयदेव जोनवाल)

रात का अन्धेरा अब कहाँ मिटेगा



रात का अन्धेरा अब कहाँ मिटेगा
तुझे खो कर कहा
अब मेरी जिंदगी में उजाला होगा
मेरा जो भी था
वो मैंने खो दिया
अब मुझे तुझसे बेहतर
क्या और कोई मिलेगा


कवि / शायर ..

( जयदेव जोनवाल)

आईना तोड के आ जाओ


आईना तोड के आ जाओ
तुम ये शहर छोड़ के आ जाओ
दुरिया जितनी भी है
वो अब तो कम हो
तुम अब सब पिंजरे तोड़कर आ जाओ

कवि / शायर ..

( जयदेव जोनवाल)

आईना तोड के आ जाओ


आईना तोड के आ जाओ
तुम ये शहर छोड़ के आ जाओ
दुरिया जितनी भी है
वो अब तो कम हो
तुम अब सब पिंजरे तोड़कर आ जाओ

कवि / शायर ..

( जयदेव जोनवाल)

फासले सब मिटा दो तो कोई बात बने

फासले सब मिटा दो 
तो कोई बात बने 
रात तब रात है 
जब साथ में तू हो 
वरना इस चाँद की क्या औकात 
की ये हमसे खूबसूरती का तकाज़ा करे 


हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

शुक्रवार, 4 जनवरी 2013

हम तेरा इंतज़ार करते है

हम तेरा इंतज़ार करते है 
रोज़ यूँ ही सुबहा से शाम करते है 
तू आयेगा ये इस दिल को यकी है 
इसलिए हम तुझपे एतबार करते है 



हास्य कवि / शायर ....

( जयदेव जोनवाल )

वक़्त का भरोसा अब क्या कीजे


वक़्त का भरोसा अब क्या कीजे
हर मोड़ पे वहशी है
अब अपनी इज्जत को कैसे बचा लीजे
है इंसान की शक्ल में भेडिये सभी
अब सही और गलत का
कैसे तकाज़ा कीजे


हास्य कवि / शायर .....

( जयदेव जोनवाल )

हाथ मिलकर ना जुदा हो


हाथ मिलकर ना जुदा हो
कुछ ऐसा काम करो
रात ढलती होतो, सुबहा तुमसे हो
तेरे पहलु में मेरी
 जिंदगी की शाम को हो


हास्य कवि / शायर .....

( जयदेव जोनवाल )

गुरुवार, 3 जनवरी 2013

प्यार दिल में रखकर मैं खामोश रहता हूँ


प्यार दिल में रखकर
मैं खामोश रहता हूँ
मैं तेरा साया हूँ
तेरे साथ रहता हूँ
हाले -ऐ - दिल
मेरा तुझसे कह पाना
ज़रा मुश्किल है
मैं तेरे सामने होकर भी
तुझसे अजनबी रहता हूँ


हास्य कवि / शायर .....

( जयदेव जोनवाल )

मुझको रुलाना तेरे लिए आसान है

मुझको रुलाना तेरे लिए आसान है
मगर तुझको मनाना मेरे लिए मुश्किल
प्यार को मेरे तू पागलपन कहती है
मगर मेरे इस पागलपन को समझ पाना
तेरे लिए मुश्किल ..


हास्य कवि / शायर .....

( जयदेव जोनवाल )