गुरुवार, 1 अगस्त 2013

मौत आने से पेहले जीना जरुरी है

मौत आने से पेहले जीना जरुरी है 
तुझको पाने से पहले सब खोना जरुरी है 
यूँ ही नहीं हो जाती किसी की ज़िन्दगी मुकम्मल 
कुछ बन जाने से पेहले कुछ न होना जरुरी है 


हास्य कवि / शायर .. 

(जयदेव जोनवाल )

तुझको खोकर अब पाना क्या

तुझको खोकर अब पाना क्या
रात जलकर अब करार पाना क्या
बहुत तडपा हूँ, मैं तेरे लिए शहर भर की गलियों मे
अब उस खुदा के दर पर फिर मत्था टिकाना क्या


हास्य कवि / शायर . ...

(जयदेव जोनवाल )


बेवफा से वफ़ा करते रहे

बेवफा से वफ़ा करते रहे
हम खुद ही खुद से दगा करते रहे
वो यकीनन नहीं समझती थी हमें
फिर भी ना जाने क्यूँ हम उसपे लुटते रहे



हास्य कवि / शायर ..

(जयदेव जोनवाल )

चाँद टुकडो पे ईमान बदल जाता है

चाँद टुकडो पे ईमान बदल जाता है
इंसान पियादा है अपनी तरक्की के लिए



हास्य कवि / शायर ..

(जयदेव जोनवाल )

ना मौत अच्छी ना ये ज़िन्दगी अच्छी

ना मौत अच्छी ना ये ज़िन्दगी अच्छी
दिल लगाकर उससे फिर ये खुदखुशी अच्छी
ना हम जी सके ना वो मर सके
इस बेकरारी से ये जुदाई अच्छी


हास्य कवि / शायर …

(जयदेव जोनवाल )

मेरे हाल पे तुम अब बात मत करना

मेरे हाल पे तुम अब बात मत करना
करो कोई और बात
मुझपर अब तुम और वक़्त बर्बाद मत करना
मेरी  बदनामी का चर्चा है अब ज़माने भर में
अब तुम भी वही बेकार सवालात मत करना


हास्य कवि / शायर ..

(जयदेव जोनवाल )