सोमवार, 30 जुलाई 2012

यूँ अकेले में सोचकर मुझे तुम हँसती तो होगी

यूँ अकेले में सोचकर
मुझे तुम हँसती तो होगी
मैं बुरा हूँ या अच्छा
ये सवाल खुद के दिल से करती तो होगी
जनता हूँ मैं तुम्हें हर वक़्त परेशान करता हूँ
मगर मेरे प्यार में तेरे दिल को ख़ुशी तो होगी 

तेरे छूने से मेरे दिल ने यूँ हरकत की है


तेरे छूने से
मेरे दिल ने यूँ हरकत की है
बाद मुद्दत के मैंने ये जिन्दगी जी है
तेरे हाथो की कशिश मेरे सिने में यूँ उतरी है
प्यार है तुझसे इस दिल को
बस इस दिल ने तेरी ही आरजू की है

तुझसे मिलता हूँ तो इस दिल को सुकून आता है

तुझसे मिलता हूँ
तो इस दिल को सुकून आता है
होठ हँसते है
इन आँखों में तेरा चेहरा ठहर जाता है
मैं मांगू और खुदा से अब क्या
मुझे अब तेरे सिवा कुछ भी तो नज़र नहीं आता है 

शोर तेरी यादो का अब मुझको परेशान करता है

शोर तेरी यादो का
अब मुझको परेशान करता है 
होना चाहू मैं जितना भी दूर अब तुझसे 
ये दिल उतना ही मुझे अब तेरे पास करता है 

मंगलवार, 24 जुलाई 2012

सावन के मौसम में जो ना बरसा वो इंतज़ार है तु ..

सावन के मौसम में जो ना बरसा
वो इंतज़ार है तु ..
और जो मेरी आँखों से बह गया
वो प्यार है तू ..
तेरा नशा यूँ तो उतर जाता
मगर मैं ही ज़रा इस दिल से बीमार हूँ 

दिल की बात बोल देना इतना आसा भी नहीं

दिल की बात बोल देना
इतना आसा भी नहीं
मैं तुमसे प्यार अपना जताऊ
ये मुझे आता भी नहीं
मेरी खामोसी को गर तू  पढ़ सकती है
तो पढ़ ले , मेरे जज्बातों की कोई जुबा नहीं


गले अपने लगा लो तो कोई बात बने

गले अपने लगा लो तो कोई बात बने
साथ मेरे तुम चलो तो कोई बात बने
सफ़र लम्बा है जिंदगी का अभी
तुम अगर हमसाया बन जाओ तो कोई बात बने 

फूल कांटो से अलग होतो प्यार बनता है

फूल कांटो से अलग होतो प्यार बनता है
मैं तोहफे जो लाऊं तो प्यार चलता है 
तारीफ उसकी जो गर मैं करूँ तो अच्छा 
जो देख लूँ मैं किसी और को कभी 
तो ये बन्दा डार्लिंग से फिर शक्ति कपूर होता है 

सोमवार, 16 जुलाई 2012

प्यार गहरा है समंदर में पानी कम है

प्यार गहरा है
समंदर में पानी कम है
मैं आग हूँ
हवा का असर कम है
मुझको मिटाने के लिये
तेरी एक झलक काफी है
इन चक्कू-छुरियो
और हथियारों का असर कम है 

तुझको पाने में एक उम्र लगी

तुझको पाने में एक उम्र लगी 
और तुझको खोने में बस एकपल 
मैं मनाऊ खुशी अब तेरी यादो की 
या के अब मैं तेरी जुदाई 
मैं रो -रोकर मर जाऊं 

रात में तारे अब ज़रा कम लगते है

रात में तारे अब ज़रा कम लगते है
दिन के ये उजाले अब मधम लगते है
चाँद खोया है, अब बादलो में  ना जाने कहाँ
तेरे बिन ये सब नज़ारे अब मुझे बेरंग से से लगते है 

मेरी आदत खराब है

मेरी आदत खराब है
तेरी फितरत खराब है
मैं गलत तो नहीं
पर क्या करूँ
ये मेरी किस्मत खराब है 

मंगलवार, 10 जुलाई 2012

मेरे होठो पे तेरा नाम ही रहता है


मेरे होठो पे तेरा नाम ही रहता है
अब इन आँखों में तेरा चेहरा ही रहता है
ये दिल अब धड़कता है बड़े सुकून से
अब तू जो इस दिल में रहता है

ये तेरी बेरुखी अच्छी नहीं


ये तेरी बेरुखी अच्छी नहीं
मैं तुम्हारा हूँ मुझसे
यूँ दिल्लगी अच्छी नहीं
मेरा दिल कमजोर है
मुझे तुम यूँ ना सताओ
देख अपनों से यूँ दुरिया अच्छी नहीं

कुछ तेरी यादो का नशा है


कुछ तेरी यादो का नशा है
और कुछ तेरी बातों का नशा है
मैं शाम से बैठा हूँ, तेरे इंतज़ार में
और तू है की लापता है

रात अब खुवाब नहीं लाती


रात अब खुवाब नहीं लाती
अब मुझे नींद नहीं आती
ये कैसी कशमकश है
तेरे-मेरे बीच में
अब तो भूले से भी
 मेरे इन होठो पे कभी हँसी नहीं आती

शुक्रवार, 6 जुलाई 2012

मुझको रोने भी नहीं देती


मुझको रोने भी नहीं देती
और मुझको हसने भी नहीं देती
ये कैसी मोहब्बत है तेरी मुझसे
जो हमको साथ होने भी नहीं देती
और हमको कभी बिछड़ने भी नहीं देती

मैं इस दर से उठकर अब जाऊ तो कहाँ

मैं इस दर से उठकर
अब जाऊ तो कहाँ 
अब तुझको भूलाकर 
मैं और पाऊं तो क्या 
मेरी जिन्दगी का नूर थी तू 
मैं इस जिन्दगी से अब और चाहूँ तो क्या 
जख्म गहरे है,निशा छोड़ते है 
मैं अब तेरी यादो को खुद से मिटाऊ तो क्या 
मेरे दर्द की बस अब तू ही दवा है 
अब तुझे छोड़कर मैं जाऊ तो कहाँ 
दर्द जितना भी है 
मैं वो सब सह लूँगा 
पर अब मैं तुझको और सताऊ तो क्या

रविवार, 1 जुलाई 2012

मैं चला गया तो तुझको मुश्किल होगी

मैं चला गया तो तुझको मुश्किल होगी
याद जब भी मैं आया तुझे
तो हर रात बोझिल होगी
तुझे जो भी शिकायत है मुझसे
वो तू जानता है
पर क्या मेरे जाने से
तेरी हर शिकायत दूर होगी 

उसने मुझे अपना भी कहा

उसने मुझे अपना भी कहा
और वो कभी मेरी भी ना हुई
ये कैसा प्यार है उसका
वो हमेशा साथ मेरे भी रही
मगर फिर भी वो आज क्यूँ मेरे साथ नहीं 

मेरे प्यार का ये सिला अच्छा है

मेरे प्यार का ये सिला अच्छा है
यूँ करीब लाके मुझे
फिर तेरा ठुकराना अच्छा है
हाँ मेरे प्यार का यही
ईनाम तो बनता है
तेरा मुझको अपना बनाके
यूँ मिटाना अच्छा है 

मेरे हाथो की लकीरों में नहीं तू

मेरे हाथो की लकीरों में नहीं तू
तू मेरे इस दिल में है
लोग जिसको नसीब कहते है
वो वहम  है उनका
मेरे लिए तो तेरा होना ही सारी खुदाई है