शनिवार, 31 मार्च 2012

तेरे इंतज़ार में कब से

तेरे इंतज़ार में कब से
लगा ये दिल है ..
हर आहट पर समझता है, की तू है
मुझे जीने भी नहीं देता
और मरने भी नहीं देता
अजीब है ये प्यार भी तेरा
ना मैं ही कभी तेरा हुआ
और ना तू ही मुझे अब हासिल है l

रात जो आई तो चाँद निकला.

रात जो आई तो चाँद निकला
और तारे भी टिमटिमाये
हाँ मुझको तेरी याद भी आई
पर जो अगर ना आई तो वो तू थी
वरना कल की रात क़यामत की रात होती

बुधवार, 28 मार्च 2012

मेरे दिल में

मेरे दिल में
तेरे लिए प्यार बहुत है
दूर होकर भी
तू मेरे पास बहुत है
लोग कहते है की
तू भ्रम है मेरा
मगर मुझको इसी
भ्रम में करार बहुत है

याद आज फिर तू आ गई

याद आज फिर तू आ गई
मेरी पलकों पे फिर नमी छा गई
यूँ तो मैं रोता नहीं
किसी के सामने
मगर तेरी याद आज फिर से
मेरी पलकों को तन्हाई में
समंदर बना गई

दो पल अगर ठहरो

दो पल अगर ठहरो
तो कुछ बात कर सकू
चाहे अच्छा हो या बुरा
मैं तुमसे प्यार कर सकू
ये वक़्त आज है
कल का क्या यकी
आ करीब तू मेरे
मैं अब ये जान
तेरे नाम कर सकू

शनिवार, 24 मार्च 2012

तेरे आगे ये सर मेरा झुक जाता है

तेरे आगे ये सर
मेरा झुक जाता है
लोग कहते है की
खुदा से बढकर
कुछ भी नहीं
मगर मुझे तो
तेरे बाद ही सबकुछ
नज़र आता है

सोमवार, 19 मार्च 2012

तेरे नाम से मुझको खुशी मिलती है

तेरे नाम से
मुझको खुशी मिलती है
तेरे एहसास से
मुझको खुशी मिलती है
तू कही भी रहे
ऐ- मेरे सनम
पास या के दूर मुझसे
मुझे तो अब
तुझमें ही खोके खुशी मिलती है

दिल के आंसू मैं..

दिल के आंसू मैं
तुझको कभी दिखा ना सका
मैं रोया तो बहुत
पर तुझको रुला ना सका
तेरी मोहब्बत
यूँ तो जिन्दगी थी मेरी
मगर तू ही खुद
कभी मेरा ना हो सका

बुधवार, 14 मार्च 2012

उसको भूल जाना

उसको भूल जाना
कहा आसा था मेरे लिए
मैंने जब भी भुलाया उसको
तो वो याद मुझको आ ही गया
कभी आँखों में आंसू बनके
तो कभी होठो पे हसी बनके
मैं गया जब कभी भी दूर उससे
वो मुझे हमेशा मेरे आस-पास ही मिला

सोमवार, 12 मार्च 2012

मेरे मरने पे ना आंसू बहाना

मेरे मरने पे ना आंसू बहाना
ऐ- दुनिया वालो
मैं जो बिछड़ा हूँ
आज तुमसे तो कल फिर से मिल जाऊंगा
याद मैं ना सही पर मेरी यादें ही सही
इन्ही यादों में तुम्हें खुशिया और आंसू ओ
के कई किस्से तमाम दे जाऊंगा
मैं लम्हा हूँ आज बिछड़ा हूँ तुमसे
तो कल फिर किसी मोड़ पे
तुमसे मैं मिल जाऊंगा

वक़्त है आखिरी ज़रा संभल के चलना

वक़्त है आखिरी ज़रा संभल के चलना
साथ मेरे ना सही तो साथ खुद के चलना
बस अगले उस मोड़ पे
बदल जायेगी...
मंजिले अपनी
मगर हम जितने
वक़्त साथ है तुम हमें अपने दिल में रखना

लोग कहते है की मैं पागल हूँ

लोग कहते है की मैं पागल हूँ
मोहब्बत में उसकी
मगर मैं जब भी मिला हूँ
किसी से तो होश में ही मिला हूँ
मगर फिर भी ना जाने
क्यूँ लोग मुझे दीवाना समझते है
मोहब्बत में .

मेरे कुछ कहने और ना कहने से ..

मेरे कुछ कहने
और ना कहने से
कहा ये वक़्त और ये हालत बदलते है
पर मैं चुप जो रहूँ
तो क्या पता, मेरी चुप्पी
नए मायने देदे ..
मुझसे जुड़े उस एहम शख्स को