रविवार, 30 जून 2013

चोरी छुपे उसका दीदार होता है

चोरी छुपे उसका दीदार होता है
मेरा हर दिन यूँ ही बेक़रार होता है
जी भर के उसे देखूं मैं कभी, ये मेरी हसरत है
सामने उसके ना जाने क्यूँ ये वक़्त सिमटता सा लगता है



हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

इम्तेहानो से गुज़र कर मोहब्बत की तक़दीर सवरती है

इम्तेहानो से गुज़र कर मोहब्बत की तक़दीर सवरती है
सिर्फ प्यार  के नाम की दुहाई देने से कोई लैला-मजनू नहीं बन जाता


हास्य कवि / शायर ....

(जयदेव जोनवाल )

वक़्त साथ बिता निशा ढूंढ़ता है

वक़्त साथ बिता निशा ढूंढ़ता है
फिर वही पुरानी जगह ढूंढ़ता है
जहाँ साथ हम-तुम चले थे कभी
आज रास्ता हमको रोकर हमसे तेरा पता पूछता है


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

उम्र प्यार की कभी पूरी नहीं होती

उम्र प्यार की कभी पूरी नहीं होती
ये समंदर है चाहत का
इसकी दुरी जिंदगी भर तय नहीं होती
यूँ तो उसे पाना मेरे हाथ में है
मगर सिर्फ मेरे सोचने से वो मेरी नहीं होती


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

मैं जख्म अपने छुपा कर रखता हूँ


मैं जख्म अपने छुपा कर रखता हूँ
मैं तब हँसाता हूँ सबको
जब मैं खुद पेहले जी भर के रो लेता हूँ


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

सोमवार, 24 जून 2013

है मुझको समझना तेरे हाथ में

है मुझको समझना तेरे हाथ में
है ज़ज्बात तेरे मेरी आँख में
तू समझे तो समझे तेरी बात है
मैं हूँ तन्हा समंदर प्यार की बरसात में



हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

आँख के इशारे वो समझ तो गया

आँख के इशारे वो समझ तो गया
ज़रा करीब आके वो फिर सम्भल तो गया
हम कब से बैठे थे उसकी ताक में
वो आया,बैठा ,मुस्कुराया और फिर हवा हो गया


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

सच झूठ और झूठ सच नज़र आता है

सच झूठ और झूठ सच नज़र आता है 
या खुदा अब तू भी अगर जमी पे आ जाये 
तो तेरे खुद को खुदा साबित कर पाना मुश्किल है 


हास्य कवि / शायर ....

(जयदेव जोनवाल ) 

तमाम उम्र का क्या वसीला मिला मुझको

तमाम उम्र का क्या वसीला मिला मुझको
तूने कहाँ बेवफा, और दुनिया ने कहाँ पागल
अब बता क्या रह गया और कुछ पाने को


हास्य कवि / शायर ....

(जयदेव जोनवाल )

उसने पुकारा यूँ ढली शाम को

उसने पुकारा यूँ ढली शाम को
मैं आया यूँ दोड़ा अपने प्यार को
वो मेरी मोहब्बत में उसका अक्श हूँ
किया याद उसने मैं उमड़ आया हूँ आसमान को


हास्य कवि / शायर ,....

(जयदेव जोनवाल )

गुरुवार, 20 जून 2013

उजालो से डर और अंधेरो से प्यार है

उजालो से डर और अंधेरो से प्यार है 
हूँ मैं तेरा मरीज़ ..
मुझे ख़ुशी से ज्यादा तेरे दर्द में करार है 



हास्य कवि / शायर ....

(जयदेव जोनवाल )

मुफलिसी में भी मज़ा आता है

मुफलिसी में भी मज़ा आता है
और कोई अमीरी में भी मरा जाता है
कोई चैन से सो लेता है सड़क पर भी या रब
और कोई बड़े घर में मखमली बिस्तर पर भी
 करवटे बदलता रह जाता है


हास्य कवि / शायर ....

(जयदेव जोनवाल )


ज़माने भर की बुरी निगाह से बचाया जिसे

ज़माने भर की बुरी निगाह से बचाया जिसे
आज वही हमसे कहता है की
 मुझको कही तेरी नज़र लग ना जाये



हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

उसकी आँखों में मेरे लिए सवाल है

उसकी आँखों में मेरे लिए सवाल है 
और मेरे दिल में उनके जवाब है 
पर ना वो बोलता है और ना मैं बोलता हूँ 
राज़ अपने दिलो के बेशुमार है 


हास्य कवि / शायर ....

(जयदेव जोनवाल )

उन्हें हमसे दिल लगाकर दिल लगाना आया


उन्हें हमसे दिल लगाकर दिल लगाना आया
और एक हम थे जो उनके होकर
फिर कभी किसी के हो ना पाए



हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )


शनिवार, 15 जून 2013

है मुझको समझना तेरे हाथ में

है मुझको समझना तेरे हाथ में
है ज़ज्बात तेरे मेरी आँख में
तू समझे तो समझे तेरी बात है
मैं हूँ तन्हा समंदर प्यार की बरसात में



हास्य कवि / शायर ....

(जयदेव जोनवाल )

बुधवार, 12 जून 2013

माथे की सलवटे सवाल करती है

माथे की सलवटे सवाल करती है 
क्यूँ तू परेशान है इस कदर किसी के लिए 



हास्य कवि /शायर ..

(जयदेव जोनवाल )

ज़िन्दगी क्या से क्या हो गई

ज़िन्दगी क्या से क्या हो गई
तू मिली फिर जुदा हो गई
हम करे किस्से सिकवे -शिकायत
आज अपनी मोहब्बत बेवफा हो गई


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

दो वक़्त की रोटी का किस्सा है

दो वक़्त की रोटी का किस्सा है 
इंसान यूँ ही परेशान नहीं जिंदगी के लिए 



हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

ख़त दिलो के कभी दिखाया नहीं करते

ख़त दिलो के कभी दिखाया नहीं करते
है कितनी मोहब्बत हमें तुमसे
ये हम ज़माने की सामने जताया नहीं करते



हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

गुरुवार, 6 जून 2013

तेरे सवालो का जवाब देना मुश्किल है

तेरे सवालो का जवाब देना मुश्किल है
मैं अगर चुप रहूँ तो तेरा कसूरवार होता है


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

आईना लाख बुरा है, मगर सच तो दिखलाता है

आईना लाख बुरा है, मगर सच तो दिखलाता है 
तू भले लाख भला है, मगर आईने के सामने तू झूठा नज़र आता है



हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

आदमी मुश्किलों से नहीं हालात से हार जाता है

आदमी मुश्किलों से नहीं हालात से हार जाता है
लड़ तो लेता है वो दुनिया भर से मगर, वो अपनों से हार जाता है



हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

तू गई यूँ के घर सुना - सुना है

तू गई यूँ के घर सुना - सुना है
रात लड़ा मुझसे बिस्तर के तेरा हमसफ़र कहाँ है



हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )