शुक्रवार, 25 जनवरी 2013

बुराईया लाख है तुममे


बुराईया लाख है तुममे
मगर फिर भी तुम मुझको अच्छी लगती हो
मैं करूँ प्यार तुम्हे या गिनू गलतिया तुम्हारी
मुझे तो हर हाल में तुम सच्ची लगती हो


हास्य कवि / शायर ...........

(जयदेव जोनवाल)

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