शुक्रवार, 31 मई 2013

वक़्त के साथ चलना मेरे बस की बात नहीं है


वक़्त के साथ चलना मेरे बस की बात नहीं
मगर मैं वो भी नहीं जो बैच दूँ
अपना ईमान चंद  टुकडो के लिए


हास्य कवि / शायर ...
(जयदेव जोनवाल )


गुरुवार, 30 मई 2013

चले जाएगी ये ज़िन्दगी मेरी मौत के बाद

चले जाएगी ये ज़िन्दगी मेरी मौत के बाद 
मैं जबतक हूँ जिन्दा , आ तुझको मोहब्बत कर लूँ 


हास्य कवि / शायर ..
(जयदेव जोनवाल)

तू बहुत-बहुत खुबसूरत है

तू बहुत-बहुत खुबसूरत है
ये दुनिया है तेरी , तू सबकी जरुरत है


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल)

मेरी मईयत पे ना आना, तुमको बुरा लगेगा

मेरी मईयत पे ना आना, तुमको बुरा लगेगा
देखकर मुझको कब्र में लेटा, तू  रो पड़ेगा


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

मंदिरों मस्जिदों में नहीं मिलता

मंदिरों मस्जिदों में नहीं मिलता 
सुना है खुदा हर किसी के अन्दर है 


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल)

शनिवार, 25 मई 2013

बेहतर से बेहतर की तलाश मत कर

बेहतर से बेहतर की तलाश मत कर
लोग वो भी अच्छे है, जिनमें लाख बुराइया है


हास्य कवि / शायर ....

(जयदेव जोनवाल )

ज़िन्दगी सुकून तलाश करती है

ज़िन्दगी सुकून तलाश करती है 
और मौत है जो ज़िन्दगी के इंतज़ार में है 



हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

तुम आओ , मिलो , बैठो बात करो तो दिन बनता है

तुम आओ , मिलो , बैठो बात करो तो दिन बनता है
वरना हर दिन-दिन है , आम दिन की तरहा



हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

अपनी बुराइयों को वो छुपाकर रखता है

अपनी बुराइयों को वो छुपाकर रखता है 
सुना है वो शहर भर में अच्छा बनके घूमता है 



हास्य कवि / शायर ....

(जयदेव जोनवाल)

सोमवार, 13 मई 2013

सिखाया आपका पढाया आपका हमेशा याद रहता है

सिखाया आपका पढाया आपका हमेशा याद रहता है
होता है मुकम्मल उसका जहाँ
जिसके ऊपर उनके बुजुर्गो का हाथ रहता है


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

वो मेरे सब्र का इम्तेहान लेती है

वो मेरे सब्र का इम्तेहान लेती है
और एक मैं हूँ जो उसकी मोहब्बत का सैलाब
अपने दिल में दबाये बैठा हूँ


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

घर की दररो दिवार पर तेरा ही चर्चा है

घर की दररो दिवार पर तेरा ही चर्चा है
मैंने कल रात बिताई थी साथ इनके तेरी गुफ्तगू में


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

वो उम्रभर मुझको नसीहत देते रहे

वो उम्रभर मुझको नसीहत देते रहे
और मैं सुधरा कभी तो उसके जाने के बाद .

हास्य कवि /शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

बदनाम गलियों से नाम हो गया
मैं भी अब चर्चा-ऐ - सरेआम हो गया
जो लगाते थे कलतक मुझको गले
उन्ही के लिए आज में अनजान हो गया


हास्य कवि /शायर ...

(जयदेव जोनवाल )