गुरुवार, 4 जुलाई 2013

प्यार पे प्यार आया

प्यार पे प्यार आया
मुझे कल फिर उसका ख़याल आया
शायद वो भी तो सोचती होगी कभी मेरे बारें में
इसी ख्याल पर मुझको उसपर प्यार बार-बार आया


हास्य कवि / शायर ..

(जयदेव जोनवाल )

प्यार अपना जताना नहीं आता

प्यार अपना जताना नहीं आता
मुझे झूठा दिखावा नहीं आता
मैं कहूँ अगर चाँद को तेरा चेहरा
तो बता ये चाँद मेरे आगन में क्यूँ उतर नहीं आता


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

वक़्त साथ बिता निशा ढूँढता है

वक़्त साथ बिता निशा ढूँढता है 
फिर वही पुरानी जगह ढूँढता है 
जहाँ साथ हम-तुम चले थे कभी 
आज रास्ता हमको रोककर तेरा पता पूछता है 


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

है मुझको समझना तेरे हाथ में

है मुझको समझना तेरे हाथ में
है ज़ज्बात तेरे मेरी आँख में
तू समझे तो समझे तेरी बात है
मैं हूँ तन्हा समंदर प्यार की बरसात में


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )