मंगलवार, 16 अप्रैल 2013

रात भर चाँद निहारता रहा उसको

रात भर चाँद निहारता रहा उसको
और अब सुबहा हुई तो सूरज ठहर गया है उसपर

हास्य कवि /शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

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