बुधवार, 10 अप्रैल 2013

तुझसे मिलकर बात -बात हुई

तुझसे मिलकर बात -बात हुई
जब तू मेरे साथ हुई
वरना तेरे आने से पेहले
मैं जी रहा था मुर्दों की तरहा


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

कोई टिप्पणी नहीं: