शुक्रवार, 29 मार्च 2013

आईना टूट जाता है

आईना टूट जाता है
जो अगर हो कोई बेहतर उससे
लोग टुकरा देते है अक्सर सच्चाई को अपनी
मगर सच-सच ही रहता है हमेशा
भला कौन कैसे मुह मोड़ेगा अपनी हकीकत से


हास्य कवि /शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

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