मंगलवार, 19 मार्च 2013

लफ्ज़ कम पड़ जाते है


लफ्ज़ कम पड़ जाते है
जब मैं करता हूँ तारीफ़ शुरू तेरी
हाँ कुछ तो बात होगी तुझमें
जो तुझे देखकर थम जाती है, ये सासे मेरी

हास्य कवि/ शायर ........

(जयदेव जोनवाल )

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