गुरुवार, 13 दिसंबर 2012

समंदर में गहराई तो है

समंदर में गहराई तो है
हाँ तेरी बातों में सफाई तो है
मैं तो डूब जाऊंगा
दोनों ही सूरतो में
वहाँ कुवा और यहाँ खाई है

हास्य कवि / शायर ......

( जयदेव जोनवाल )

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