सोमवार, 30 जुलाई 2012

तुझसे मिलता हूँ तो इस दिल को सुकून आता है

तुझसे मिलता हूँ
तो इस दिल को सुकून आता है
होठ हँसते है
इन आँखों में तेरा चेहरा ठहर जाता है
मैं मांगू और खुदा से अब क्या
मुझे अब तेरे सिवा कुछ भी तो नज़र नहीं आता है 

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