गुरुवार, 14 जून 2012

आँख से आंसू न बहे

आँख से आंसू न बहे तो मोहब्बत में मज़ा क्या है
 वो अगर मुझसे लिपटकर ना रोये तो नशा क्या है
 मैं मिट भी जाऊं तो कोई गम नहीं
 पर अगर वो मेरी कब्र पे ना आये तो मुझे सुकून कहाँ है

कोई टिप्पणी नहीं: