मंगलवार, 12 जून 2012

तोड़ दे आज तू ये मेरा दिल

तोड़ दे आज तू ये मेरा दिल तो
कोई बात नहीं मैं रो लूँगा जी भरके
 फिर कोई प्यास नहीं
 रोज़ यूँ घुट-घुट के मरने से
अच्छा है की मैं एक बार मरुँ
 अब तेरे सिवा मुझको
 कोई और तलब नहीं

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