शुक्रवार, 19 मार्च 2010

ये जो मोहब्बत है

ये जो मोहब्बत है
कभी हीर तो कभी राँझा हुयें
ना जाने कैसे कैसे मोहब्बत में हम
जैसे अच्छे भले लोगदीवाने हुए
भला हो इन लडकियों का
जो हमसे ना जाने कैसे-कैसे नखरे उठवाती है
घर
में तो हम कहा सुनते है अपने मम्मी -डैड डी कीबातों को गौर से कभी
बस इस मोहब्बतमें दुम कटेला कुत्ता बनके
अपने महबूब के आजू-बाजू घूमते है
wo कहें तो भोखे वो कहें तो kaate
or तौफ्हो की लाइन लगा दे uske khene pe
jab कभी वो आती है तो हमारी नज़र खुदबखुद थम जाती है uspar
or कुछ अजीब सा नशा होता है दिलो दिमाग par
uske बदन से जो पेर्फुमे की भीनी-भीनी खुसबू आती है
dil karta है लिपट जाए उससे और बाहों में bhar le usse

फितरत से अपनी asal का कुत्ता ban jaye
or chaat-chaat kar uska make-upउसके chehre से बदन से uska asli रूप बहार निकाल ले aaye
magar वो बहुत चालक है जब कभी bhi मिलती है to
public प्लेस पर milti है
मोहब्बत में है हम पागल उसके
और वो है की हम har waqt nazar
अंदाज़ सा करती है
yun तो खरीद दू में bhi usaki khusi ki khaatir IPLकी टीम भी magar
kya करूँ मेरे बापू की खुद तंखुवा ललित मोदी के चपरासी से भी kam है
or upar से unka में layak beta dhehra
जो kuch bhi dete है jaib karach ko wo mujhe
में wo sab satte में kodiyo ke bhaav apni girl freind par lagaa aata hun
जो bhi karta hun usmein sukun to milta है magar
pal bhar ka है jaise
६ ball kelkar ki warranty nahi है ki out hounga ya six ya choka maar dunga

बस ab उसकी खुसी की खातिर hi jinda hun में ab
ki wo ek roze kabi samjhengi mujhe
or meri pocket par tarash khayegi
क्या करू अब तो kachha भी उतरने लगा है
उसकीउमीदे पूरी करते करते मेरा क्या KARUN

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