गुरुवार, 22 नवंबर 2012

खुवाब जलते- सुलगते रहे

खुवाब जलते- सुलगते रहे
हम तेरी याद में रातभर मचलते रहे
तू बेवफा है, ये बात इस दिल को गवारा ना हुई
हम सारी रात तेरी सफाई के सुबूत इकठ्ठा करते रहे 

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