उसने पुकारा यूँ ढली शाम को
मैं आया यूँ दोड़ा अपने प्यार को
वो मेरी मोहब्बत में उसका अक्श हूँ
किया याद उसने मैं उमड़ आया हूँ आसमान को
हास्य कवि / शायर ,....
(जयदेव जोनवाल )
मैं आया यूँ दोड़ा अपने प्यार को
वो मेरी मोहब्बत में उसका अक्श हूँ
किया याद उसने मैं उमड़ आया हूँ आसमान को
हास्य कवि / शायर ,....
(जयदेव जोनवाल )
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