दर बदर भटक कर तुमने दुनिया की ख़ाक छानी
मगर जो है तुम्हारा , है जिसको तुम्हारे गम से गम
उसे ही नहीं मिली तुम बस पल दो पल के लिए
हास्य कवि / शायर ....
(जयदेव जोनवाल)
मगर जो है तुम्हारा , है जिसको तुम्हारे गम से गम
उसे ही नहीं मिली तुम बस पल दो पल के लिए
हास्य कवि / शायर ....
(जयदेव जोनवाल)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें