सोमवार, 22 अक्टूबर 2012

मेरी सूरत पे ना जाना, मैं शिरत का भला हूँ


मेरी सूरत पे ना जाना, मैं शिरत का भला हूँ
लोग दे देते है धोखा अक्सर खुबसूरत चेहरों से
और एक मैं हूँ जो इस दिल और चेहरे से जुदा हूँ

बुधवार, 17 अक्टूबर 2012

मुश्किलों से हारने वाला मैं ना था

मुश्किलों से हारने वाला मैं ना था
मुझको झुका दे वो कोई दर ना था
मगर ये तेरा असर है ..
जो आज मैं काफ़िर से
 एक फ़रिश्ता बन गया 

मैं जो रो दूँ तो फिर क़यामत होगी

मैं जो रो दूँ तो फिर क़यामत होगी
तुझको मुझसे फिर शिकायत होगी
मेरे दिल में है जो जज्बात
उन्हें तू अन्दर ही रहने दे
वरना तेरी जिन्दगी में फिर हलचल होगी 

आज बिछड़े तो फिर कल ना मिलेंगे

आज बिछड़े तो फिर कल ना मिलेंगे
फूल जो आज है वो कल ना खिलेंगे
मुझको तुम भूल भी जाओ तो कोई शिकायत नहीं
मगर कल तेरे आसुनो को पोछने के लिए हम ना रहेंगे

ना तेरी खता है, ना ये मेरी खता है

ना तेरी खता है, ना ये मेरी खता है
बस ये दिल ही मेरा सरफिरा है
तू ठुकराता रहा मुझे हर सफ़र में
और एक मैं था ..
जो तुझे हमसफ़र अपना मान बैठा 

मेरे घर का सामान सब बिखरा पड़ा है

मेरे घर का सामान सब बिखरा पड़ा है
तेरे जाने के बाद मेरा घर सुना बड़ा है
तुम जो आ जाओ तो रोनक हो मेरे घर में
वरना तेरे बिन ये जय - तन्हा बड़ा है 

इन लकीरों में तेरा साथ नहीं है

इन लकीरों में तेरा साथ नहीं है
शायद अब तुझको मुझसे प्यार नहीं है
मैं खुदा से और अपनों से लड़कर
तुझे अपना बना भी लेता
मगर तूने ही कहा ..
अब तुझको मुझपर एतबार नहीं है 

शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2012

प्यार अपना दिखाना नहीं आता

प्यार अपना दिखाना नहीं आता
मुझे खुद को जताना नहीं आता
लोग अच्छे है सभी बस नज़रिये भर का फर्क है
एक मुझे ही बस उनको आइना दिखाना नहीं आता 

इन दीवारों से बहार अब उनकी आवाज़ नहीं जाती

इन दीवारों से बहार अब उनकी आवाज़ नहीं जाती
शायद कोई तो वजह है
जो अब वो कोयल की तरहा
पहले जैसी अब नहीं चह -चहiती

इन दीवारों से बहार अब उनकी आवाज़ नहीं जाती

इन दीवारों से बहार अब उनकी आवाज़ नहीं जाती
शायद कोई तो वजह है
जो अब वो कोयल की तरहा
पहले जैसी अब नहीं चह -चहiती 

अश्क आँखों से बहे और समंदर बन गए

अश्क आँखों से बहे और समंदर बन गए
तैरने की आदत नहीं थी मुझे
मैं यूँ तेरे भरोसे पर था
आँख जब मेरी खुली तो
मेरे सारे सपने मेरे सामने बिखर कर रह गए 

शनिवार, 6 अक्टूबर 2012

तुम यूँ मुझे प्यार से ना देखा करो

तुम यूँ मुझे प्यार से ना देखा करो
ये दिल पागल है
मचल ही जाता है
तुम तो चाँद हो अकेले भी रोशनी दोगी
और देख के तुमको ये मेरा सितारा डूब जाता है  

इश्क होतो डर लगता है

इश्क होतो डर लगता है
इश्क ना होतो डर लगता है
उसके प्यार से, उसके गुस्से से
उसकी मासूमियत से मुझे डर लगता है
यूँ तो मैं डरपोक नहीं हूँ
मगर उसके इरादों से मुझे डर लगता है 

बेखयाली में ख्याल नहीं था

बेखयाली में ख्याल नहीं था
जब दिल लगाया तुमसे
तो मुझको होश नहीं था
मैं मिट गया बस तेरी फिक्र में
और एक तू था जिसकी नज़र में
मैं कुछ नहीं था .....
 

यूँ मोहब्बत में मरना तो पड़ेगा

यूँ मोहब्बत में मरना तो पड़ेगा
प्यार जो किया है तो तड़पना तो पड़ेगा
मेरे चाहने और ना चाहने से क्या होता है
इश्क जो किया है तो इम्तिहानो से गुज़ारना तो पड़ेगा