गुरुवार, 27 सितंबर 2012

मेरे दिल में तेरे राज़ रहने दे

मेरे दिल में तेरे राज़ रहने दे
तू भले मुझको भुला दे
मगर ये एहसास रहने दे
मेरे ये आंसू बड़ी मुश्किल से रुके है
अब इस समंदर को यूँ ही खामोश रहने दे 

हवा का रुख अगर बदल जाये तो क्या बात है

हवा का रुख अगर बदल जाये तो क्या बात है
तू अगर मेरी हो जाये तो क्या बात है
तुझको पाना यूँ तो आसान नहीं है, मेरे लिए
मगर ये नामुमकिन अगर मुमकिन हो जाये तो क्या बात है

प्यार जितना भी करूँ तुझसे उतना कम है

प्यार जितना भी करूँ तुझसे उतना कम है
मैं मिटा दूँ खुद को या के अपनी जाँ को 
तेरी मोहब्बत में .....
मेरा ये इम्तेहान फिर भी कम है 

प्यार करना आसान नहीं

प्यार करना आसान नहीं
किसी पे मरना आसान नहीं
यूँ तो हर कोई दिल लगा लेता है
 किसी ना किसी से
मगर प्यार करके फिर उसे निभाना
ये हर किसी के बस की बात नहीं 

शुक्रवार, 14 सितंबर 2012

हाँ तुझमे कुछ बात तो है

हाँ तुझमे कुछ बात तो है
तेरा जुदा सबसे अंदाज़ तो है
लोग मरते है खूबसूरती पे अक्सर
मगर मेरे लिए तेरी ये सादगी बहुत है 

देख के तुझको आज मैं खोया सा हूँ

देख के तुझको आज मैं खोया सा हूँ
मैं करूँ तारीफ कैसे तेरी आज ?
मैं खुद ही आज
 तेरे हुस्न में उलझा सा हूँ

सारी दुनिया में तेरा रुबाब बहुत है

सारी दुनिया में तेरा रुबाब बहुत है 
तेरे चेहरे पे फैला आफ़ताब बहुत है 
मेरा दिल तो भर जाता है 
तेरी सूरत को देख के 
मेरे लिए तो तेरा बस साथ बहुत है 

शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

तेरा ख्याल अच्छा है


तेरा ख्याल अच्छा है 
तेरा सवाल अच्छा है
मेरी हर बात पर
यूँ बिगड़ जाना तेरा
ये अंदाज़ अच्छा है 
देके दर्द मुझे फिर मेरी दवा भी
खुद करती हो?
तेरा ये अपनापन अच्छा है 

तेरा इंतज़ार बस इंतज़ार रहा


तेरा इंतज़ार बस इंतज़ार रहा 
मेरा प्यार बस खामोश ही रहा 
कह तो मैं भी देता अपने दिल की बात 
 मगर तेरे पास मुझे सुनने के लिए
कभी वक़्त ही कहाँ रहा 

मैंने रब से कहा


मैंने रब से कहा
वो छोड़ के गया मुझको
पता नहीं उसकी क्या मज़बूरी थी
रब ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं
ये कहानी तो मैंने ही अधूरी लिखी थी

मैं जो हूँ उसकी वजह तुम हो


मैं जो हूँ उसकी वजह तुम हो
मेरा वजूद मेरी हकीकत का आईना तुम हो
मैं नहीं होता कुछ भी
गर मुझको साथ ना मिला होता तुम्हारा
मेरे बढ़ते कदम का आगाज़ तुम हो