तोड़ दो दिल तुम मेरा तो अच्छा है
वरना इस इंतज़ार में रखा क्या है
मैं मरू यूँ रोज़-रोज़ तन्हाँ घुटकर
इस मौत से तेरी जुदाई का गम अच्छा है
हास्य कवि /शायर .....
(जयदेव जोनवाल )
वरना इस इंतज़ार में रखा क्या है
मैं मरू यूँ रोज़-रोज़ तन्हाँ घुटकर
इस मौत से तेरी जुदाई का गम अच्छा है
हास्य कवि /शायर .....
(जयदेव जोनवाल )
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