मंगलवार, 16 अप्रैल 2013

रात भर चाँद निहारता रहा उसको

रात भर चाँद निहारता रहा उसको
और अब सुबहा हुई तो सूरज ठहर गया है उसपर

हास्य कवि /शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

फलक से चाँद उतर आया है

फलक से चाँद उतर आया है 
यही-कही ज़मी पे किसी की तलाश में 


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

वो इशारों से कत्ल करती है

वो इशारों से कत्ल करती है 
सूना है उसने सारे शहर में कोहराम मचा रखा है 


हास्य कवि /शायर ....

(जयदेव जोनवाल )

रविवार, 14 अप्रैल 2013

अपने होसलो की उड़ान तुम यूँ ही बुलंद रखना

अपने होसलो की उड़ान तुम यूँ ही बुलंद रखना
वरना इंसान गिर जाये एक बार तो फिर कभी ऊपर उठता नहीं


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

गुरुवार, 11 अप्रैल 2013

रो -रोकर मर रहा हूँ, हँस -हँसके जी रहा हूँ

रो -रोकर मर रहा हूँ, हँस -हँसके जी रहा हूँ
मैं इस जिंदगी का कर्ज अपने लहूँ से अता कर रहा हूँ


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

बुधवार, 10 अप्रैल 2013

तुझसे मिलकर बात -बात हुई

तुझसे मिलकर बात -बात हुई
जब तू मेरे साथ हुई
वरना तेरे आने से पेहले
मैं जी रहा था मुर्दों की तरहा


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

उसके इशारों पे चलना बात बुरी तो नहीं है

उसके इशारों पे चलना बात बुरी तो नहीं है
वो कहे जो भी उसे मान लेना ये अच्छा भी तो नहीं है
लोग कहते है मुझे गुलाम उसका - गुलाम उसका
मगर जो ना हो गुलाम किसी का वो नाम मिलता भी तो नहीं है


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

आँखों में जो आँसू भर दे वो प्यार नहीं होता

आँखों में जो आँसू भर दे वो प्यार नहीं होता
जो कर दे रुसवा तुम्हारी चाहत को वो यार नहीं होता
मर जाते है मोहब्बत में लैला -मजनू
सिर्फ बातों से प्यार में कुछ  भी हासिल नहीं होता


हास्य कवि /शायर ....

(जयदेव जोनवाल )



शनिवार, 6 अप्रैल 2013

तोड़ दो दिल तुम मेरा तो अच्छा है

तोड़ दो दिल तुम मेरा तो अच्छा है
वरना इस इंतज़ार में रखा क्या है
मैं मरू यूँ रोज़-रोज़ तन्हाँ घुटकर
इस मौत से तेरी जुदाई का गम अच्छा है


हास्य कवि /शायर .....

(जयदेव जोनवाल )

दिल लगाकर दिल्लगी करना

दिल लगाकर दिल्लगी करना
तुम मुझे फिर अपनी जिंदगी करना
नहीं रखना कोई भी फासला तुम हमारे दरमिया
 इत्मीनान से तुम मेरी मोहब्बत की जांच-परख करना


हास्य कवि /शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

हाल अपना बताये तो वो रो देती है

हाल अपना बताये तो वो रो देती है 
ज़िक्र उनका सुने तो वो रो देती है 
बड़ी मासूम होती है ये मोहब्बत की रंगत भी 
ज़रा सी चुभन पर ये आँखों से समंदर उड़ेल देती है 


हास्य कवि /शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

हर सवाल का जवाब नहीं होता

हर सवाल का जवाब नहीं होता 
मोहब्बत में कुछ भी बेकार नहीं होता 
ये हिसाब किताब अच्छा है कागजो में 
दिल लगाकर किसी से फिर 
ये जमा , घटा,गुना, भाग याद नहीं रहता 


हास्य कवि / शायर ...

(जयदेव जोनवाल )

नाम तेरी मोहब्बत के मैं ये अपनी जिंदगी कर दूँ

नाम तेरी मोहब्बत के मैं ये अपनी जिंदगी कर दूँ
तू कहे तो ज़रा फिर मैं खुद से खुदखुशी कर लूँ
है मेरा सच ये तेरी मोहब्बत का आईना
तू कहे तो ख़तम फिर मैं ये भ्रम अपना कर लूँ


हास्य कवि /शायर .....

(जयदेव जोनवाल )