गुरुवार, 1 अगस्त 2013

तुझको खोकर अब पाना क्या

तुझको खोकर अब पाना क्या
रात जलकर अब करार पाना क्या
बहुत तडपा हूँ, मैं तेरे लिए शहर भर की गलियों मे
अब उस खुदा के दर पर फिर मत्था टिकाना क्या


हास्य कवि / शायर . ...

(जयदेव जोनवाल )


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