बदनाम गलियों से नाम हो गया
मैं भी अब चर्चा-ऐ - सरेआम हो गया
जो लगाते थे कलतक मुझको गले
उन्ही के लिए आज में अनजान हो गया
हास्य कवि /शायर ...
(जयदेव जोनवाल )
मैं भी अब चर्चा-ऐ - सरेआम हो गया
जो लगाते थे कलतक मुझको गले
उन्ही के लिए आज में अनजान हो गया
हास्य कवि /शायर ...
(जयदेव जोनवाल )
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