प्यार अपना मैं
तुझको समझाऊ तो कैसे?
दिल मैं ये अपना
चीर के तुझको दिखाऊ तो कैसे?
मुझको आता नहीं
इस ज़माने का चलन
अब तू ही बता
मैं तुझको अपना बनाऊ तो कैसे?
जयदेव जोनवाल एक उभरते हुए युवा कवि हैं, जिनकी रचनाओं में उसी ताजगी का आभास होता है जो वास्तव में एक युवा कवि की रचनाओं में होना चाहिए। मेरी उन्हें ढेरों शुभकामनायें। जयदेव अच्छी रचनाओं का निर्माण करें और हिन्दी की निरंतर सेवा करते रहें। जय हिंद! जय हिन्दी! सुमित प्रताप सिंह (दिल्ली गान के रचयिता) हास्य कवि जयदेव जोनवाल सम्पर्क सूत्र -: 09250683519,8826725292
शुक्रवार, 27 अप्रैल 2012
कोई वादा न करो
कोई वादा न करो
जबतलक तुम निभायाना करो
जूठे वादों से ना मुझको
तुम यूँ बहलाया ना करो
हाँ मुझे नहीं आती जिन्दगी की गणित
पर २ और २ चार है
उनको तुम ५ ना बताया करो
जबतलक तुम निभायाना करो
जूठे वादों से ना मुझको
तुम यूँ बहलाया ना करो
हाँ मुझे नहीं आती जिन्दगी की गणित
पर २ और २ चार है
उनको तुम ५ ना बताया करो
सोमवार, 23 अप्रैल 2012
कह ना सके दिल की
कह ना सके दिल की
तो दिल ही में जलते है
मेरे अरमान लहूँ बनके
इन आँखों से टपकते है
तू कहती है की मैं बुजदिल हूँ
और लोगो के लिए दीवाना
हम तो हर हालात में मरते है
तो दिल ही में जलते है
मेरे अरमान लहूँ बनके
इन आँखों से टपकते है
तू कहती है की मैं बुजदिल हूँ
और लोगो के लिए दीवाना
हम तो हर हालात में मरते है
प्यार को प्यार किया तो बुरा किया
प्यार को प्यार किया
तो बुरा किया
उसपे दिल ये निशार
किया तो बुरा किया
हाँ तुझसे जुडी
हर बुराई की वजह मैं हूँ
हाँ अगर मैं बुरा हूँ
तो ये बता तेरी अच्छाई ने क्या किया?
तो बुरा किया
उसपे दिल ये निशार
किया तो बुरा किया
हाँ तुझसे जुडी
हर बुराई की वजह मैं हूँ
हाँ अगर मैं बुरा हूँ
तो ये बता तेरी अच्छाई ने क्या किया?
कह ना सके दिल की
कह ना सके
दिल की
तो दिल ही में जलते है ?
मेरे अरमान लहू बनके
इन आँखों से टपकते है
तू कहती है की
मैं बुजदिल हूँ
और लोगो के लिए दीवाना
हम तो हर हालत में मरते है
दिल की
तो दिल ही में जलते है ?
मेरे अरमान लहू बनके
इन आँखों से टपकते है
तू कहती है की
मैं बुजदिल हूँ
और लोगो के लिए दीवाना
हम तो हर हालत में मरते है
गुरुवार, 19 अप्रैल 2012
ना रहे हद कोई बाकी?
ना रहे हद कोई बाकी
इतना तुम मुझे अब प्यार करो
मैं भूल जाऊ खुद को
और उस खुदा को
आओ अब मुझको
खुद में यूँ शुमार करो
इतना तुम मुझे अब प्यार करो
मैं भूल जाऊ खुद को
और उस खुदा को
आओ अब मुझको
खुद में यूँ शुमार करो
मेरे प्यार की कीमत तू समझेगा क्या?
मेरे प्यार की कीमत तू समझेगा क्या?
मैं इन्सान हूँ मिट्टी का
तू मुझको लूटेगा क्या ?
मुझको नहीं आता
ये मोल-भाव करना मोहब्बत में
मैं एहसास हूँ
तू मुझको झूठलायेगा क्या?
मैं इन्सान हूँ मिट्टी का
तू मुझको लूटेगा क्या ?
मुझको नहीं आता
ये मोल-भाव करना मोहब्बत में
मैं एहसास हूँ
तू मुझको झूठलायेगा क्या?
रात में चाँद नज़र नहीं आता
रात में चाँद नज़र नहीं आता
दिन में अब तू दिखाई नहीं देती
अजीब से दिन कट रहे है
मेरे आजकल ...
मुझको अब कोई भी लड़की भाव नहीं देती?
और जो है मेरी
वो अब मुझको जवाब नहीं देती?
दिन में अब तू दिखाई नहीं देती
अजीब से दिन कट रहे है
मेरे आजकल ...
मुझको अब कोई भी लड़की भाव नहीं देती?
और जो है मेरी
वो अब मुझको जवाब नहीं देती?
शनिवार, 14 अप्रैल 2012
रूठकर तुम मुझसे कहाँ जाओगी?
रूठकर तुम मुझसे
कहाँ जाओगी?
आज दूर ही सही तुम मुझसे
कल खुद मेरी और खिची चली आओगी
ये दिल प्यार करने के लिए है
तो मुझसे प्यार करो
बेवजह गुस्से में ये उम्र ढल जायेगी?
कहाँ जाओगी?
आज दूर ही सही तुम मुझसे
कल खुद मेरी और खिची चली आओगी
ये दिल प्यार करने के लिए है
तो मुझसे प्यार करो
बेवजह गुस्से में ये उम्र ढल जायेगी?
मेरा हक है तुझपे .
मेरा हक है तुझपे
तू मुझको आबाद या बर्बाद कर
मैं नहीं मांगता तुझसे
इस जहाँ की खुशिया
तेरा साथ, तेरा प्यार है
सबकुछ मेरे लिए
अब तू ही मेरी चाहत का हिसाब कर
तू मुझको आबाद या बर्बाद कर
मैं नहीं मांगता तुझसे
इस जहाँ की खुशिया
तेरा साथ, तेरा प्यार है
सबकुछ मेरे लिए
अब तू ही मेरी चाहत का हिसाब कर
शुक्रवार, 13 अप्रैल 2012
मेरे किस्सों में तेरा किस्सा जब भी बयां हुआ है
मेरे किस्सों में
तेरा किस्सा जब भी बयां हुआ है
ये शख्स यूँ ही बदनाम हुआ है
लोग कहते है की ...
मुझको तेरी मोहब्बत ने लूटा है
और मुझको लगता है की
तुझको पाकर ..
मैंने सारे जहाँ को पा लिया है
तेरा किस्सा जब भी बयां हुआ है
ये शख्स यूँ ही बदनाम हुआ है
लोग कहते है की ...
मुझको तेरी मोहब्बत ने लूटा है
और मुझको लगता है की
तुझको पाकर ..
मैंने सारे जहाँ को पा लिया है
तुझको खोने से मुझे डर नहीं लगता
तुझको खोने से मुझे
डर नहीं लगता
हाँ तुझको पाने से मैं डरता हूँ
मेरी हस्ती कुछ भी तो नहीं
तेरे सामने ......
तू है समंदर और मैं एक गुमनाम किनारा
अब तू ही बता मुझको
की तुझको खुद में,
मैं अब समाऊ तो कैसे?
डर नहीं लगता
हाँ तुझको पाने से मैं डरता हूँ
मेरी हस्ती कुछ भी तो नहीं
तेरे सामने ......
तू है समंदर और मैं एक गुमनाम किनारा
अब तू ही बता मुझको
की तुझको खुद में,
मैं अब समाऊ तो कैसे?
मेरे दिल को कभी अपने दिल से लगाया तो होता
मेरे दिल को कभी
अपने दिल से लगाया तो होता
एक बार तुने अपना प्यार
मुझसे जताया तो होता
कसम खुदा की मैं रख देता
ये सारा जहाँ तेरे कदमो में
ऐ-काश कभी तुने
मुझपे कभी भरोसा तो किया होता
अपने दिल से लगाया तो होता
एक बार तुने अपना प्यार
मुझसे जताया तो होता
कसम खुदा की मैं रख देता
ये सारा जहाँ तेरे कदमो में
ऐ-काश कभी तुने
मुझपे कभी भरोसा तो किया होता
साथ होकर भी तू मेरे साथ तो नहीं
साथ होकर भी तू
मेरे साथ तो नहीं
दिल में होकर
भी तेरा एहसास तो नहीं
हाँ मुझे अब जरुरत नहीं तेरी
और तेरे प्यार की
मगर फिर भी
ना जाने क्यूँ जिन्दगी में
अब पहले जैसी बात नहीं?
मेरे साथ तो नहीं
दिल में होकर
भी तेरा एहसास तो नहीं
हाँ मुझे अब जरुरत नहीं तेरी
और तेरे प्यार की
मगर फिर भी
ना जाने क्यूँ जिन्दगी में
अब पहले जैसी बात नहीं?
साथ होकर भी तू मेरे साथ तो नहीं
साथ होकर भी तू
मेरे साथ तो नहीं
दिल में होकर
भी तेरा एहसास तो नहीं
हाँ मुझे अब जरुरत नहीं तेरी
और तेरे प्यार की
मगर फिर भी
ना जाने क्यूँ जिन्दगी में
अब पहले जैसी बात नहीं?
मेरे साथ तो नहीं
दिल में होकर
भी तेरा एहसास तो नहीं
हाँ मुझे अब जरुरत नहीं तेरी
और तेरे प्यार की
मगर फिर भी
ना जाने क्यूँ जिन्दगी में
अब पहले जैसी बात नहीं?
बुधवार, 11 अप्रैल 2012
हाँ तुझमें कुछ बात तो है
हाँ तुझमें कुछ बात तो है
इस जहाँ में तू कुछ खास तो है
तेरे एक-इशारे पे बदल जाती है
इस जहाँ की की सूरत
तू खुदा है या खुदा से बढकर
अब तू ही बता तेरा राज़ क्या है
इस जहाँ में तू कुछ खास तो है
तेरे एक-इशारे पे बदल जाती है
इस जहाँ की की सूरत
तू खुदा है या खुदा से बढकर
अब तू ही बता तेरा राज़ क्या है
तुम ना होती.
तुम ना होती
तो ना जाने मेरा क्या
हर्श होता..
हाँ मैं होता तो मगर
पर तब कहाँ जहाँ में
यूँ फिर मेरा चर्चा होता
तो ना जाने मेरा क्या
हर्श होता..
हाँ मैं होता तो मगर
पर तब कहाँ जहाँ में
यूँ फिर मेरा चर्चा होता
शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012
इन आँखों ने नहीं देखा कोई सपना तेरे बिना
इन आँखों ने नहीं देखा
कोई सपना तेरे बिना
मुझको नहीं आता है
अब जीना तेरे बिना
मैं अधुरा हूँ
दूर तुझसे होकर
तू अगर मिल जाये
तो हो जाये ये किस्सा पूरा मेरा
कोई सपना तेरे बिना
मुझको नहीं आता है
अब जीना तेरे बिना
मैं अधुरा हूँ
दूर तुझसे होकर
तू अगर मिल जाये
तो हो जाये ये किस्सा पूरा मेरा
मेरी आँखों में अब तेरी तस्वीर दिखाई देती है
मेरी आँखों में अब तेरी
तस्वीर दिखाई देती है
दिल को हर वक़्त
अब तू ही सुनाई देती है
मैं खुदा को अब भूलने
सा लगा हूँ ..
मुझ पर तो अब
तेरी खुमारी ही छाई रहती है
तस्वीर दिखाई देती है
दिल को हर वक़्त
अब तू ही सुनाई देती है
मैं खुदा को अब भूलने
सा लगा हूँ ..
मुझ पर तो अब
तेरी खुमारी ही छाई रहती है
मेरे दिल में है जो जज़्बात
मेरे दिल में है जो जज़्बात
कभी उन्हें समझा भी करो
मैं बोलता नहीं जो बात
वो तुम कहा भी करो
अब भला कबतक हम रहेंगे
यूँ अजनबी बनके
या तो मुझको ..
या खुद को अब मेरे हवाले करो
कभी उन्हें समझा भी करो
मैं बोलता नहीं जो बात
वो तुम कहा भी करो
अब भला कबतक हम रहेंगे
यूँ अजनबी बनके
या तो मुझको ..
या खुद को अब मेरे हवाले करो
सोमवार, 2 अप्रैल 2012
रोज़ आती है सुबह..
रोज़ आती है सुबह
और ये दिन शाम को ढल जाता है
रात के पहलु में
फिर चाँद भी खिल जाता है
पर अगर नहीं आती
तो वो तू है
मेरा हर दिन ..
यूँ ही तेरे इंतज़ार में कट जाता है
और ये दिन शाम को ढल जाता है
रात के पहलु में
फिर चाँद भी खिल जाता है
पर अगर नहीं आती
तो वो तू है
मेरा हर दिन ..
यूँ ही तेरे इंतज़ार में कट जाता है
इन पलकों को यूँ ना आंसुओ में भिगोया करो
इन पलकों को यूँ
ना आंसुओ में भिगोया करो
रोना जब भी पड़े
ख्याल मेरा कीजे
आपका हर आंसू
मोती है मेरे लिए
ऐ-सनम यूँ ही
ना मेरा ये बेशकीमती
खजाना लुटाया कीजे
ना आंसुओ में भिगोया करो
रोना जब भी पड़े
ख्याल मेरा कीजे
आपका हर आंसू
मोती है मेरे लिए
ऐ-सनम यूँ ही
ना मेरा ये बेशकीमती
खजाना लुटाया कीजे
मैं तेरे लायक हूँ या नहीं?
मैं तेरे लायक हूँ
या नहीं मैं ये नहीं जानता
हाँ तू मेरा खुदा है
मैं तुझसे बढकर किसी को नहीं मानता
हाँ मैं किसी भी काबिल नहीं हूँ
पर मैं तुझसे बराबरी भी कभी नहीं चाहता
या नहीं मैं ये नहीं जानता
हाँ तू मेरा खुदा है
मैं तुझसे बढकर किसी को नहीं मानता
हाँ मैं किसी भी काबिल नहीं हूँ
पर मैं तुझसे बराबरी भी कभी नहीं चाहता
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