जयदेव जोनवाल एक उभरते हुए युवा कवि हैं, जिनकी रचनाओं में उसी ताजगी का आभास होता है जो वास्तव में एक युवा कवि की रचनाओं में होना चाहिए। मेरी उन्हें ढेरों शुभकामनायें। जयदेव अच्छी रचनाओं का निर्माण करें और हिन्दी की निरंतर सेवा करते रहें। जय हिंद! जय हिन्दी! सुमित प्रताप सिंह (दिल्ली गान के रचयिता) हास्य कवि जयदेव जोनवाल सम्पर्क सूत्र -: 09250683519,8826725292
शनिवार, 20 सितंबर 2008
राजू की शादी
चार बच्चो के परिवार में
राजू सबसे छोटा था
रमेश, सुरेश, सविता में
वो सबसे भोला था
उम्र से कुछ नादां और
कद में कुछ नाटा था
शायद भगवान् ने कुछ
ठीक नही किया था साथ उसके
परिवार में तो
था ही वो छोटा
कद में भी उसने कंजूसी कर दी
एक अच्छे खासे लड़के की
जग हसाई कर दी
कद ४" १ इंच , शरीर पतला
रंग साफ़ लड़का कम
गन्ना ज्यादा नज़र आता था
लोग देखकर उसको
कहकहें लगाते थे
अरे देखो ये
जनाब भी खूब है
हर चीज़ खुदा ने
तोल-मोल के दी है इनको
तभी तो न कद से
न sharir से
न उम्र से ये कुछ ज्यादा है
अरे ये इंसान कम
दूसरी दुनिया का अलिएन ज्यादा है
ये वक्त यु ही चलता रहा
बात शादी की
जब आई छोटे मिया की
तो हर लड़की देखकर
उनको आहे भरती थी
"है" भगवान् इस टाइप के
मॉडल भी बनाता है "
जो शकल और सरीर के
हुलिए से दुसरे मुल्क के नजर आते है
जो हुई शादी इससे तो में तो जीते जी मर जाउंगी
इस भरी दुनिया में हुकुम-ऐ-बोर्नविटा कहलाऊंगी
हर किसी ने सो बहाने बनाकर न कर दी
इस भरी दुनिया में कोई न मिला छोटू राजू को
हार कर बैठ गया था वो अपने गम के अफशाने में
तो कही से एक किरण आई बनके उसकी जिन्दगी में
अरे एक लड़की है कही दूर के
"रिश्ते" में देखने में मुझ जैसी ही है ,छोटी , पतली और मेल सरीका है दोनों का
एक सा हाल -ऐ- करिश्मा है
बात चलायी तो बात बन बैठी एक नाटे को एक नाटी मिल बैठी
जोड़ी कमाल लाखो में एक थे वो
हर कोई देखकर उनको दुआए दे रहा था
शादी के दिन एक चूहे और एक चुहिया का मेल हो रहा था
अब ठीक ही कहा है, ऊपर वाले ने हर किसी का दिन आता है
और हर किसी को कोई न कोई मिलता है
बड़ी धूम धाम से राजू का विवाह सम्पन हुआ
और उसको दुल्हन सुख नसीब हुआ
अब तो चिंता है "ये की "आगे क्या होगा
जब उनके बच्चे होंगे
क्या वो राजू या उसकी बीवी के जैसे होंगे
या कुछ नया ही पनपेगा इन दोनों के मिलने से
एसा नो हो कोई जन्मे विस्फोट नया
या हो वो "अलिएन" या हो कोई अनुबम्ब नया
जो bhi ho अजब raha राजू का जीवन सारा
जब हुआ पैदा तो माँ- बाप हेरा थे
आज जो की है शादी तो zamaane कों चिंता है उसकी
वो आज भी अजूबा है, बरसो पहले जो था।
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1 टिप्पणी:
sach me bhagwan ne sabhi k liye kisi na kisi ko banaya hai, bas waqt ane par milta hai
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