बुधवार, 29 जून 2011

Kismat

Mat mano kaha mera apki marzi hai,
Mat karo puri chahte meri apki marzi hai,
Mat karo eatbaar mujh par apki marzi hai,

Mat samjho iss dil ko aur iski hasrato ko mere pagalpan ko ...
Utha lo aaj jee bharke mazak mera, karo nazar andaz,
jee lo khud ki marzi se apki marzi hai..

Magar ek baat yaad rakhna hamesha kal jab samjhogi mujhko
aur mehsus kar sakogi ye pyaar mera, tab bhale pukarna naam mera
aur jee bharke aansu bahahna
par main naa latunga paas uss waqt tere
yeh rab ki marzi hai..

Zindagi bhar tu naa samjhi pyaar jis pagal ka
aur dil jiska wo karta raha eatbaar tera,
teri haa ki kabhi toh tu samjhegi usse aur pyaar ko uske ,
aur kisi roz hamesha ke liye uski ho,
usko apne seene se lagakar apna tamam pyaar uss par lutayegi
wo karta raha hamesha intezar teri haa ka aur tu taalti rahi usko..

Aur jab aaj samjhi toh wo naa raha iss duniya me tere liye tujhe apnane ko..
Tujhe gale se lagane ko..
Ab jo aaye hai yeh aansu teri in ankho se ye hai pata mujhko ki sache hai
aur aj tujhko jarurat hai meri ye janta hu main bhi
par main aj jahan hu wahan se lautkar nahi aa sakta kabhi
jo poch saku yeh aansu tere ye meri majburi hai…
Jab talak tha main saath tere maine tujhe hasna hi sikhaya naa kabhi rone diya
Aur aj tu roai toh itna ki yeh asma bhi ro pada pyar me tere yaad karke tujhko,
jo yaki naa aaye toh asma se barsti in bundho ko chhu kar dekh le
ye sirf pani nahi pyaar hai inme mera jo bhae teri ankho se katra bankar
par jab aaye meri aankho me toh laye hai ek sailab naya…

Tujhse pyaar aur teri fikar hamesha rahi mujhko
aj dur hu phir bhi tere saath hu
har pal mujhe mehsus toh kar dil se…
Pyaar Mera hamesha sacha tha tere liye
tu na samjha toh isme teri khata kya bas ye kismat hi apni achi nahi hai…

शुक्रवार, 10 जून 2011

बारात चले गई

बारात चले गई
.
दोस्त की बारात में शरीक होने को गए थे हम
और जब पहुंचे शादी में तो एक हम ही दोस्त से कोसो दूर रह गए थे हम
जो कल तक था साथ अपने आज वो घोड़ी पे दूल्हा बनके baitha है
कल तक जो कदम से कदम मिलके चलता था हमारे आज वोही सेहरे में मुएह छुपकर अपने बैठा है.
कल तक दोस्ती हमारी इतनी गहरी thi के हम एक पल को एक दुसरे के बिना ना रहते थे और आज उसी दोस्त को सारी
दुनिया ने घेरा है,
अजीब है ये दुनिया और इसमें बसने वाले जो कल तलक मशुफ़ रहते थे
अपने आप में ही वो आज किसी और के लिए खुद को माकूल बनाते है.
जो ना करते थे कभी बात भूले से भी किसी से आज वो ही शादी के ढेरो शुभ कामनाये देते है.
सारी दुनिया जैसे आई हो शामिल होने मेरे यार की शादी में
बस एक मैं हूँ जिसकी आवाज़ नहीं पहुँचती मेरे दोस्त तक उसके कानो में
कोई नाचे मस्त मिका सा, कोई झूमे बनके शकीरा
कोई तोड़े जूतों को तो पटके अपना डिस्को डांडिया और rock एंड रोल का मतिरा
और कोई लगता है की आज खुस है इतना की जैसे मिली हो जन्नत सारे जहा की उसको
और एक बेचारा दोस्त है अपना जो चुप-चाप बैठा हुआ है बनके मूरत घोड़ी पे बिहाने chala अपनी दुल्हनिया ..

लोग कहते है की थोडा मोटा है, तो कोई कहता है की सावला है
और जो पहुंची बारात अपने गंतव्य को तो दिलो की धड़कन और भावो की धाप और तेज़ हो गयी.
लो जी हो गया अब पहरों का कराये करम भी पूरा और दो लोग एक हो गए जनम जन्मांतर के लिए
और ये क्या लोग अबतक बतिया रहे है की खाने में थोड़ी कमी रह गयी और दुल्हन और दुल्हे का मिलाप जोड़ ठीक नहीं है शादी में मज़ा नहीं आया

वाह क्या बात है . शादी करने वाले और करवाने वाले का दम निकल गया और लोगो को मज़ा नहीं आया .. खाया पिया शान से और अब मज़ा नहीं आया एक पल को सब इंतज़ाम mann को नहीं भाया दोस्त खुस है
लड़की वाले खुस है हम दोस्त के यार खुस है ..
बस कोई खुस नहीं है तो वो hai लोग जो बस आज के लिए बाराती है

और कल apne-apne घर को लौट जायेंगे और जिन्दगी में फिर कभी हमारी हमसे खैरियत पूछने नहीं आयेंगे
मगर आज जो बनायेंगे वो बातें वो सालो के लिए किसी के दिल में नासूर बनके रह जायेगी
और ना जाने कितने दिल वो सब बातें सुनकर एक पल में टूट जायेंगे.

कोई puche तो एक बाप से की क्या वो खुस है या नहीं या उसे इस शादी से क्या मिला तो वो बस ye कहेगा
शादी की प्यार से बिटिया की जितना हो सका
किया
वो परायी हो गयी ab हमेशा के लिए और मिला तो सिर्फ खामिया और बदनामी का दाग मिला
. बस डोली उठी बेटी विदा हो गयी और बस यादें ही रह गयी और बारात चले गयी ...