जयदेव जोनवाल एक उभरते हुए युवा कवि हैं, जिनकी रचनाओं में उसी ताजगी का आभास होता है जो वास्तव में एक युवा कवि की रचनाओं में होना चाहिए। मेरी उन्हें ढेरों शुभकामनायें। जयदेव अच्छी रचनाओं का निर्माण करें और हिन्दी की निरंतर सेवा करते रहें। जय हिंद! जय हिन्दी! सुमित प्रताप सिंह (दिल्ली गान के रचयिता) हास्य कवि जयदेव जोनवाल सम्पर्क सूत्र -: 09250683519,8826725292
गुरुवार, 7 अगस्त 2008
है तुमसे खुशी ऐ मेरे दोस्त
हर पल है खुशियाँ
हर राह है सुकून
हर अहसास में रवानगी
हर चाह में जूनून
अब तो मानो जिंदगी
मुट्ठी में लगती है
मांगते हैं तारे तो
चाँद हाथों तले होते हैं
खोजते हैं जिंदगी तो
कायनात कदमो तले
अठखेलियाँ करती है
बदल गया है अब
हमारी जिंदगी का
फलसफा और अंदाज़
हर कोई कहता
और पूछता है की
क्या बात है
आजकल आप कुछ
अजीब से पेश आते हो
होठों पे हँसी
आँखों में चमक और
बोली में मिठास और
साँसों में महक
ये सब कहाँ से सीखा है
मैं बस ये ही कहता हूँ
है ये मेरे दोस्त का सिला
वो आसमान से
ज़मीं पर आया है
मुझे अपना दोस्त और
तलबगार बनाया है
वरना मेरी कहाँ थी हस्ती।
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1 टिप्पणी:
aapke jaisa dost sabhi ko mile....
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