बदला-बदला सा समां है, आजकल
कुछ याद ,कुछ भुला हुआ सा है आजकल
बस कुछ दिनों पहले की तो बात है, ये
जब वो और मैं साथ जिया करते थे
उनकी पलकों पे tehrai जो आंसू कभी
तो उनको मैंने अपनी हथेली पर सजा लिया था,
मोती की तरह......
अपने दिल में
वो जो बिछड़े मुझसे परसों
तो ये वक़्त रुक सा गया आजकल
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